बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने कांग्रेस पर दागे कई सवाल, पूछा- राफेल विमान खरीदी को 10 साल तक क्यों टाला ?

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Jitendra Shrivastava
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बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने कांग्रेस पर दागे कई सवाल, पूछा- राफेल विमान खरीदी को 10 साल तक क्यों टाला ?

BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार 17 नवंबर को वोटिंग होना है। इस चुनाव में बीजेपी के कई नेताओं ने ताकत झोंकी है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता व खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू ने भी समय-समय पर कांग्रेस पर निशना साधा और कांग्रेस को लेकर कई सवाल उठाए हैं और जवाब मांगे हैं। गोविंद मालू ने सवाल उठाया कि रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के 17 लोगों पर बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा रोड पर 850 करोड़ की 33.37 एकड़ से अधिक की शासकीय भूमि की अफरा-तफरी का आरोप था। 2350 पृष्ठों के दस्तावेज न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा को भी सौंपे गए थे। क्या हुआ इस मामले का ? साथ ही मालू ने पूछा कि राफेल विमान खरीदी को कांग्रेस सरकार में इसलिए 10 साल तक टाला जाता रहा। क्योंकि हथियार डीलर संजय भंडारी ने राफेल विमान सौदेबाजी में फ्रांस की कंपनी डेसॉल्ट का भारत में ऑफसेट पार्टनर बनाने के लिए दबाव था। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के संजय भंडारी से क्या ताल्लुकात है ? मालू ने यह भी पूछा कि कांग्रेस ने बापू के उसूलों को सूली पर क्यों लटकाया?

खड़गे को लेकर सवाल

गोविंद मालू ने खड़गे को लेकर भी सवाल उठाया है। मालू ने पूछा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के अध्यक्ष हैं लेकिन केवल महासचिव प्रियंका वाड्रा पर और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर ही फोकस क्यों किया जाता है ? जबकि अन्य कई महासचिव भी हैं दलित अध्यक्ष को भी रबर स्टाम्प बना रखा हैं, यह कौन सा दलित सम्मान है ?

जाकिर नाईक शांति दूत कैसे ?

गोविंद मालू ने दिग्विजय सिंह पर भी सवाल दागा है। मालू ने पूछा है कि इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक के तार हाफिज सईद से जुड़े हैं। क्योंकि दोनों रत्नागिरी महाराष्ट्र के थे यह जानकारी 2006 के अक्टूबर में मुंबई पुलिस ने दी फिर उसके पीस टीवी की अनुमति किसकी सरकार ने दी और 2012 में उन्हें दिग्विजयसिंह ने शांति दूत कैसे बताया ? मालू ने यह भी पूछा कि विकिलीक्स खुलासे पर अमेरिकी राजदूत के समक्ष राहुल ने क्यों कहा कि भारत के लिए इस्लामी चरमपंथियों की तुलना में हिंदू चरमपंथी ज्यादा घातक है ?

नेहरू पर भी सवाल

गोविंद मालू ने नेहरू पर भी सवाल उठाया। मालू ने सवाल किया कि नेहरू ने 1960 में लियोनार्ड मोस्ले से चर्चा में स्वीकार किया था कि हम थक चुके थे। आयु भी अधिक हो गई थी ऐसे में यदि हम "अखंड भारत" की बात पर अड़े रहते तो स्पष्ट था कि हमें फिर से कारावास में जाना पड़ता फलस्वरूप देश के बंटवारे की योजना ने एक बीच का मार्ग निकाला और हमने उसे स्वीकार कर लिया। क्या यह नेहरू और कांग्रेस की सत्ता लोलुपता नहीं थी जो भारत का विभाजन करने से नहीं चूकी ?

मुस्लिमों के साथ धोखा

गोविंद मालू ने पूछा कि मुसलमानों को वोट बैंक समझने वाली कांग्रेस जवाब दे कि मुसलमानों की समस्या सुलझाने में गोपाल समिति की रिपोर्ट मुसलमानों को नौकरियां देने के बारे में 1995 की राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट और मुसलमानों की दशा सुधारने के लिए 6 मई 1996 को योजना आयोग की 12 सदस्यीय उप समिति की रिपोर्ट का क्या हुआ ? राजिंदर सच्चर के अध्यक्षता में बनी 7 सदस्य समिति की रिपोर्ट जिसमें मुसलमानों के आर्थिक शैक्षणिक व व्यवसायिक उत्थान के उपाय थे नवंबर 2006 में आई, लेकिन उसके बाद ठंडे बस्ते में डालकर क्या वोट बैंक के साथ धोखा नहीं किया?

गांधी छाप नोटों से प्यार

मालू ने कहा कि प्रियंका कहती हैं हम गांधी के उसूलों पर चले, जनता कहती है कांग्रेस को गांधी से नहीं, गांधी छाप नोटों से प्यार है। गांधी ने तो कहा था कांग्रेस एक आंदोलन का नाम है, इसको भंग कर लोक सेवक संघ बनाकर चुनाव लड़ो। बापू के उसूलों को सूली पर क्यों लटकाया ?

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