छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने पोस्टल बैलेट की कमजोर सुरक्षा को लेकर आयोग को बनाया निशाना, कांग्रेस ने कहा- हार का बहाना ढूंढ रहे भाजपाई

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Rahul Garhwal
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छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने पोस्टल बैलेट की कमजोर सुरक्षा को लेकर आयोग को बनाया निशाना, कांग्रेस ने कहा- हार का बहाना ढूंढ रहे भाजपाई

गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में बीजेपी डाक मतपत्रों की सुरक्षा को लेकर लगातार राज्‍य निर्वाचन आयोग को निशाना बना रही है। मंगलवार को दुर्ग जिले के बीजेपी प्रत्याशियों, निर्वाचन अभिकर्ताओं और प्रमुख बीजेपी नेताओं ने जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर से मुलाकात की और डाक मतपत्रों की सुरक्षा के बारे में असंतोष जताया। बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताते हुए ट्रेजरी में रखे गए डाक मत पत्रों की सुरक्षा को लेकर लिखित सुझाव भी दिए। इस दौरान भिलाई जिला बीजेपी अध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया, भिलाई नगर प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पाण्डेय, दुर्ग ग्रामीण बीजेपी प्रत्याशी ललित चंद्राकर, वैशाली नगर बीजेपी प्रत्याशी रिकेश सेन मौजूद रहे।

सीसीटीवी की निगरानी में रखे मतपत्र

बीजेपी नेताओं ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि दुर्ग जिला कोषालय में रखे जा रहे डाक मतपत्रों के कमरे के सामने सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि इतने समय से बिना सिक्योरिटी गार्ड और बिना सीसीटीवी कैमरे के डाक मत पत्रों को रखा गया है। अब तक उसमें धांधली नहीं हुई होगी ? इसकी क्या गारंटी है ? इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के लिए आदेश दिए।

हेराफेरी की गुंजाइश

बीजेपी नेताओं ने रोष जताते हुए कहा कि डाक मत पत्र पोस्ट ऑफिस से आने के बाद और कोषागार में रखे जाने से पहले जिन कर्मचारियों के पास रहता है, वे सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के प्रभाव में आकर हेराफेरी कर सकते हैं। दुर्ग जिले में डाक मतपत्रों को लेकर बेहद लापरवाही बरती जा रही है। दुर्ग जिला निर्वाचन प्रशासन द्वारा कोषालय के प्रतिदिन खोलने और बंद करते समय सीलिंग प्रक्रिया में दरवाजे पर लगाई जाने वाली कागज की सील में केवल प्रशासनिक अधिकारी हस्ताक्षर कर रहे हैं। उसमें किसी भी विधानसभा के किसी भी प्रत्याशी और राजनीतिक दल की प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर नहीं लिए जा रहे हैं जो कि स्पष्ट रूप से डाक मतपत्र में धांधली की संभावना को प्रकट करता है।

अनाधिकृत लोगों की आवाजाही रोकें

बीजेपी नेताओं ने कहा कि ट्रेजरी में अनाधिकृत व्यक्तियों की आवाजाही अत्यधिक है। इन मतपत्रों में हेराफेरी की प्रबल संभावना है। नेताओं ने कुछ अधिकारी-कर्मचारियों पर कांग्रेसी माइंड के होने और मतपत्रों में अनाधिकृत हस्तक्षेप किए जाने का आरोप भी लगाया। मतपत्रों की सुरक्षा में लगे कर्मियों की संख्या बढ़ाने और सीसीटीवी कैमरा लगाकर निगरानी के पुख्‍ता इंतजाम करने की मांग की।

डॉ. रमन उठा चुके हैं 22 हजार डाक मतपत्रों का मामला

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव-2023 की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के दूसरे दिन पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन‍ सिंह ने 22 हजार डाक मतपत्रों की सुरक्षा का मामला उठाया था। उन्‍होंने CEO छत्तीसगढ़ को टैग कर ट्वीट किया था और इसे निर्वाचन प्रक्रिया में चूक बताया था। उन्होंने लिखा था कि मतदान ड्यूटी में शामिल होने के बाद नाम हटवाने वाले कई कर्मचारी मतदान नहीं कर पाए हैं। इन अधिकारी-कर्मचारियों के लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान पर फैसला लेने का निवेदन करता हूं। इस ट्वीट के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। ट्वीट के बाद आयोग के अधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों से चर्चा करने की बात कह रहे हैं।

पहले चरण में 17 हजार से ज्यादा डाक मत हुए जमा

आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक पहले चरण के चुनाव में 5300 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इन मतदान केंद्रों में 25 हजार 420 अधिकारी-कर्मचारियों को ड्यूटी करने के लिए चयनित किया गया था। इनमें से 21 हजार 216 अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। 4 हजार 204 लोगों को रिजर्व में रखा गया था। पहले चरण में 17 हजार 234 अधिकारी-कर्मचारियों ने डाक मत पत्र समय पर जमा किए।

22 हजार से ज्यादा डाक मतपत्र नहीं हुए जमा

दूसरे चरण के मतदान के दौरान 18 हजार 833 मतदान केंद्र बने थे। इस चरण में 90 हजार 272 अधिकारी-कर्मचारी चयनित किए गए थे। इनमें से 75 हजार 332 की ड्यूटी लगी थी। 14 हजार अधिकारी-कर्मचारियों को रिजर्व में रखा गया। इनमें से तय समय तक 71 हजार 427 लोगों ने डाक मत पत्र जमा किए हैं। बाकी लोगों के डाक मत पत्र अभी तक आयोग के पास नहीं पहुंचा है। इनकी संख्या 22 हजार से ज्यादा है। बीजेपी नेताओं के अनुसार मतदान ना कर पाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की संख्या आयोग के आंकड़ों से ज्यादा है। क्योंकि इसमें उन लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया है, जिन्होंने किसी कारणवश अपना नाम ड्यूटी से हटवा लिया था।

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कांग्रेस का पलटवार

बीजेपी द्वारा ट्रेजरी में रखे पोस्टल बैलट को स्ट्रॉन्ग रूम में रखने की मांग को हास्यास्पद बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मतदान के बाद मिले रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस बड़ी बहुमत के साथ फिर सरकार बनाने जा रही है। 7 नवंबर और 17 नवंबर के मतदान के बाद आज बीजेपी को पोस्टल बैलट पेपर कहां रखा गया है, इसकी याद आ रही है। इसका मुख्य कारण बीजेपी को चुनाव में करारी हार के मिले संकेत हैं। कांग्रेस प्रवक्‍ता ठाकुर ने दावा किया कि कई जगह बीजेपी के प्रत्याशी अपनी जमानत बचा ले तो बड़ी बात होगी। बीजेपी के सभी बड़े नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव हार रहे हैं। बीजेपी करारी शिकस्त की ओर आगे बढ़ रही है। बीजेपी विधानसभा चुनाव में मिली हार का ठीकरा मोदी पर मढ़ने से बचने के लिए रोज नया बहाने तैयार करती है और एक नई कहानी गढ़ती है।

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