राजस्थान सीएम पद की रेस से बाबा बालकनाथ बाहर, चार में से तीन सांसद बने विधायक

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BP Shrivastava
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राजस्थान सीएम पद की रेस से बाबा बालकनाथ बाहर, चार में से तीन सांसद बने विधायक

JAIPUR. राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की रेस में दिख रहे सांसद बाबा बालकनाथ अब रेस से बाहर होते दिख रहे हैं। राजस्थान के जो चार सांसद जीत कर विधायक बने थे, उनमें से दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और किरोड़ीलाला मीणा का इस्तीफा हो गया है, जबकि बालकनाथ का इस्तीफा नहीं हुआ है। यानी बालकनाथ अभी सांसद बने रहेंगे।

सीएम के लिए किन नामों की चर्चा

राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही थी, उनमें अन्य नेताओं के साथ ही सांसद से विधायक बने चार नेताओं के नाम प्रमुख रूप से चल रहे थे। बाबा बालक नाथ उनमें से एक प्रमुख नाम था, जिनका सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री बनने को लेकर जबरदस्त हल्ला मचा हुआ था। यह माना जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के तर्ज पर ही राजस्थान में भी बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन बुधवार को पार्टी के निर्देश पर जिन तीन सांसदों के इस्तीफा हुए हैं। उनमें बालकनाथ शामिल नहीं हैं।

क्या कहता है नियम

नियम यह है कि यदि कोई सांसद विधायक बनता है तो उसे 15 दिन में अपने सांसद पद से इस्तीफा देना होता है। पार्टी ने दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा करवाया है। इसका मतलब यह तीनों नेता राजस्थान में रहेंगे, वहीं बालकनाथ अभी सांसद बने रहेंगे। बालकनाथ के सांसद बने रहने का अर्थ यह भी है कि अब तिजारा सीट पर उपचुनाव की स्थिति बनेगी।

दो सांसद नहीं देंगे इस्तीफा

जिन दो लोकसभा सांसदों ने इस्तीफा दिया है, उनकी सीट पर उपचुनाव नहीं होंगे, क्योंकि लोकसभा चुनावों में अब 6 महीने से भी कम समय बचा है। दीया कुमारी राजसमंद, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर ग्रामीण सीट से सांसद थे। वहीं किरोड़ी मीणा राज्यसभा सांसद थे, इसलिए उनके इस्तीफे से खाली हुई सीट पर जरूर राज्यसभा चुनाव होगा।

सीएम पद को लेकर चर्चाओं का दौर जारी

इधर, मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बीजेपी में दिल्ली से लेकर जयपुर तक बैठकें और मंथन चल रहा है। मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री आवास पर अमित शाह और जेपी नड्‌डा के बीच 4 घंटे बैठक चली है। बीजेपी नेता जल्द राजस्थान सीएम के नाम पर फैसला होने का दावा कर रहे हैं।

राजस्थान में पहली बार सीएम को लेकर असमंजस

राजस्थान बीजेपी में यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बना है। इससे पहले बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ती रही है, इसलिए कभी नतीजे आने के बाद असमंजस नहीं हुआ। पहले भैरोसिंह शेखावत बीजेपी के सीएम चेहरा हुआ करते थे। 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे पहले से सीएम चेहरा घोषित थीं।

विधायक दल की बैठक होगी जल्द

अब सांसदों के इस्तीफा के बाद यह माना जा रहा है कि जल्द ही विधायक दल के बैठक की तिथि घोषित हो सकती है और मुख्यमंत्री पद के चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। पार्टी ने जयपुर आ रहे सभी विधायकों को अपने क्षेत्र में ही बने रहने का निर्देश दिया है और कहा है कि जब विधायक दल की बैठक होगी, तब उन्हें जयपुर बुला लिया जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले दो दिन से जब पार्टी के कई विधायक जयपुर आ रहे थे और यहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा पार्टी मुख्यालय पर आकर नेताओं के हाजिरी दे रहे थे। इस पार्टी में एक तरह का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा था। यही कारण है कि अब पार्टी ने विधायकों से कहा है कि वह अपने क्षेत्र में ही रहे जब जरूरत होगी तब उन्हें जयपुर बुला लिया जाएगा।


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