रात 11.40 बजे तक मतदान का आंकड़ा 74.13% तक पहुंचा, पोकरण में सबसे ज्यादा 87.79% वोटिंग, सबसे कम सुमेरपुर में 60.05 फीसदी मतदान

author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
रात 11.40 बजे तक मतदान का आंकड़ा 74.13% तक पहुंचा, पोकरण में सबसे ज्यादा 87.79% वोटिंग, सबसे कम सुमेरपुर में 60.05 फीसदी मतदान

RAJSTHAN. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मताधिकार का प्रयोग करने का समय छह बजे खत्म हो चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में पोस्टल बैलेट के जरिए दिए गए वोट का प्रतिशत 8.828 प्रतिशत है। चुनाव आयोग के ऐप के मुताबिक राजस्थान में मतदान प्रतिशत रात 11:37 बजे तक 74.13 प्रतिशत था। पोकरण में सबसे ज्यादा 87.79% और सबसे कम सुमेरपुर में 60.05 फीसदी मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग इस आंकड़े को अभी भी अंतिम नहीं बता रहा है। पिछले चुनाव में 74.06% मतदान हुआ था।

राजस्थान में इस बार बम्पर वोटिंग के संकेत

राजस्थान में बम्पर वोटिंग के संकेत मिल रहे हैं। राज्य में रात 11.40 बजे तक 74.13 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर लिया था। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार 2018 से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगे। बढ़े हुए मतदान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बीते पांच चुनावों का ट्रेंड देखें तो बीजेपी इन्हें अपने पक्ष में बता रही है। वहीं, रिवाज बदलने की बात कर रही कांग्रेस इस मिथ को भी तोड़ने की उम्मीद जता रही है। हालांकि, तस्वीर 3 दिसंबर को स्पष्ट होगी, जब चुनाव नतीजे आएंगे। बीते अलग-अलग चुनाव में मतदान कैसे बढ़ा और घटा और कब किसकी सत्ता आई।

आइए बीते चुनावों में मतदान कैसे बढ़ा और घटा और कब किसकी सत्ता आई...

2013 के मुकाबले 2018 में घटा मतदान, सत्ता में कांग्रेस की वापसी

राजस्थान विधानसभा के लिए 2018 में अलवर की रामगढ़ सीट छोड़कर बाकी 199 सीटों पर मतदान हुआ। रामगढ़ सीट पर बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को पटखनी देते हुए 99 सीटें जीतीं। वहीं बीजेपी को 73, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं।

2018 में कांग्रेस को 39.30% लोगों ने वोट दिए

पिछली बार के मत प्रतिशत के आंकड़े देखें तो राज्य में 74.06% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से पुरुषों की मतदान में भागीदारी 73.49% और महिलाओं की 74.67% थी। पार्टीवार आंकड़े देखें तो 2018 में राज्य में सत्ता में लौटने वाली पार्टी कांग्रेस को 39.30% लोगों ने वोट दिए थे। वहीं भाजपा के लिए राज्य के 38.77% लोगों ने मतदान किया था। 2013 के मुकाबले वोट प्रतिशत में 0.8 फीसदी की कमी आई। राज्य में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की। 2018 के चुनाव में जिलेवार मतदान के आंकड़े देखें तो जैसलमेर सबसे आगे था। जैसलमेर में 85.28% लोगों ने वोट किया था। इसके बाद हनुमानगढ़ में 83.32% और बांसवाड़ा में 83.01% वोटिंग दर्ज की गई थी। वहीं, सबसे कम मतदान वाले जिले देखें तो पाली में महज 65.35% वोटिंग हुई थी। इसके बाद सवाई माधोपुर में 68.05% और सिरोही में 68.74% मतदान हुआ था।

2013 में 163 सीटें बीजेपी के खाते में गईं

2013 को राजस्थान में चूरू विधानसभा क्षेत्र में बसपा उम्मीदवार जगदीश मेघवाल के निधन के बाद वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इस चुनाव में प्रदेशभर में 75.04% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। 2008 में हुए मतदान के मुकाबले वोट प्रतिशत में 8.79 फीसदी का इजाफा हुआ। इनमें से पुरुषों का मतदान में योगदान 75.44% और महिलाओं का 74.67% था। जब चुनाव के नतीजे आए तो अकेले 163 सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं। इस तरह से पूरे राज्य में पार्टी के लिए मतदान 45.17% हुआ था। दूसरी ओर, विपक्षी कांग्रेस को महज 21 सीटें ही मिल सकी थीं। देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए यहां 33.07% लोगों ने वोट किए थे। इसके बाद 3.37% वोट शेयर के साथ मायावती की पार्टी बसपा ने तीन सीटें जीती थीं। बाकी 10 सीटों पर निर्दलीय और अन्य उम्मीदवार विजयी हुए थे।

2008 में मतदान के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को हराया

2008 को राजस्थान में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल करते हुए 96 सीटें जीती थीं। वहीं, बीजेपी को 78, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं। इस चुनाव में मत प्रतिशत के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में 66.25% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। 2003 के मुकाबले 2008 के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 0.93 प्रतिशत कम रहा। 2008 में पुरुषों की मतदान में भागीदारी 67.10% और महिलाओं की 65.31% थी। पार्टीवार आंकड़े देखें तो कांग्रेस के पक्ष में 36.82% लोगों ने वोट दिए थे। वहीं, भाजपा के लिए 34.27% लोगों ने मतदान किया था।

2003 में 3.79% बढ़े वोट, सत्ता में बीजेपी आई

1998 में 63.39% फीसदी मतदान हुआ था। पांच साल बाद 2003 में मतदान प्रतिशत में 67.18% मतदान हुआ। मतदान प्रतिशत में 3.79 फीसदी का इजाफा हुआ। राज्य में भाजपा की सरकार बनी। भाजपा की सीटों की संख्या 33 से बढ़कर 120 हो गई। वहीं, कांग्रेस की सीटें 153 से घटकर 56 रह गईं। 2003 में भाजपा को 39.85 फीसदी और कांग्रेस को 35.65 प्रतिशत वोट मिले। पांच साल तक सस्ता में रही कांग्रेस के वोट प्रतिशत में 5.1% की कमी हुई। वहीं, भाजपा के वोट शेयर में 5.97 फीसदी का इजाफा हुआ।

Rajasthan Assembly elections राजस्थान विधानसभा चुनाव signs of bumper voting in Rajasthan what will be the consequences of more voting will the routine change or will it remain the same? राजस्थान में बम्पर मतदान के संकेत ज्यादा वोटिंग के क्या रहेंगे नतीजे बदलेगा रुटीन या रहेगा कायम?