वेंकटेश कोरी, JABALPUR. लगातार वरिष्ठ नेताओं के फोन आ रहे हैं और प्रत्याशी घर से हिलने नहीं दे रहे हैं इसलिए मजबूर होकर नाम वापस लेना पड़ रहा है। यह बयान दिया है जबलपुर के पनागर और सिहोरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाली मध्य प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री कौशल्या गोटिया ने। जबलपुर के चुनावी समर में स्कूटनी तक 95 प्रत्याशी मैदान में थे लेकिन नाम वापसी के आखिरी दिन 13 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापिस ले लिए हैं। अब 82 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं और वे जनता से समर्थन हासिल करने घर-घर दस्तक देने जाएंगे।
कई बागी मैदान से बाहर
आखिरी दिन बागी तेवर अपनाने वाले कई नेता चुनाव मैदान से अब पूरी तरह से बाहर हो गए हैं इनमें से प्रमुख नाम पूर्व मंत्री कौशल्या गोटिया का भी है जिन्होंने पनागर और सिहोरा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था, इसके अलावा सिहोरा विधानसभा क्षेत्र से ही महिला कांग्रेस की पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष जमुना मरावी, पाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से नाराज नेता श्याम सुंदर यादव ''बब्बू जी'' के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से टिकट मिलने की उम्मीद में प्रत्याशी के तौर पर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने वाले राम सिंह जाट ने भी अपना फार्म वापस ले लिया है।
अब भी मैदान में कई बागी
जबलपुर के आठ विधानसभा सीटों में से बरगी और सिहोरा में अब भी बागी प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाएंगे। बरगी विधानसभा क्षेत्र से इस सीट से पहले विधायक रहे सोबरन सिंह के बेटे जयकांत सिंह ने तमाम कोशिशों के बावजूद भी नाम वापस नहीं दिया है। माना जा रहा है कि जयकांत कांग्रेस के मौजूदा विधायक और पार्टी के प्रत्याशी संजय यादव के सामने चुनौती पेश करेंगे, इसी तरह सिहोरा विधानसभा क्षेत्र से डॉक्टर संजीव बरकड़े ने भी नाम वापस नहीं लिया है। डॉक्टर संजीव बरकड़े जिला पंचायत के सदस्य हैं और वे कांग्रेस से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन पार्टी के द्वारा एकता ठाकुर को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही डॉक्टर संजीव बरकड़े बागी तेवर अपना रहे हैं।