RAIPUR. चुनावी साल में भूपेश सरकार ने डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्रों को बड़ी राहत दी है। दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की नवाचारी स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का आज अपने निवास कार्यालय से शुभारंभ किया। इस योजना के तहत प्रदेश के 146 विकासखंड मुख्यालयों और 4 शहरों- रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के जरिए शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी। इसके लिए MOU पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
स्कूली बच्चों ने खुशी जताई
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तैयार ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने राज्य के विकासखंडों के कोचिंग सेंटर में उपस्थित बच्चों से चर्चा कर योजना के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान स्कूली बच्चों ने अपने बेहतर भविष्य के लिए योजना के प्रति भरपूर खुशी का इजहार करते हुए मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
'ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था करेंगे'
मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का शुभारंभ करते हुए छत्तीसगढ़ में बच्चों के करियर निर्माण के लिए एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में पीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की सर्वसुविधायुक्त बेहतर ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था भी हम सभी ब्लॉक में करेंगे।
ये खबर भी पढ़िए..
छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर अटक गई कांग्रेस, नहीं हो पा रहा पैसों का लेनदेन, अजय चंद्राकर का बड़ा आरोप
स्कूलों में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि ये योजना बच्चों के सुनहरे भविष्य को गढ़ने में अहम साबित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वो हर क्षेत्र में वातावरण का निर्माण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के वातावरण के लिए हमारी सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत स्कूलों के अधोसंरचना विकास के लिए बडी तादाद में 1100 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया। इस राशि से स्कूलों के भवन का संधारण कक्ष और अतिरिक्त कक्ष सहित आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की गई। स्कूलों में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी है।