मनीष गोधा, JAIPUR. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी आखिरकार अब सीएम अशोक गहलोत के साथ पोस्टर पर नजर आने लगे हैं। जयपुर में अब ऐसे पोस्टर दिखने लगे हैं। जिन पर मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा एक साथ नजर आ रहे हैं। यह बदलाव चुनाव आचार संहिता के बाद हुआ है और उसके पीछे एक विवाद भी जुड़ा हुआ है।
सरकार की ब्रांडिंग निजी कंपनी कर रही थी
दरअसल, राजस्थान में चुनाव की आचार संहिता से पहले कांग्रेस सरकार की पूरी ब्रांडिंग एक निजी प्रोफेशनल कंपनी के पास में थी। इस कंपनी ने ही इस वर्ष के बजट से पहले बचत राहत बढ़त का चर्चित पोस्टर पूरे राज्य भर में लगवा कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट को लेकर एक उत्सुकता का माहौल बना दिया था। इसके बाद महंगाई राहत कैंप, सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए जनता से वीडियो बनवाने और अन्य सभी तरह की ब्रांडिंग का काम इसी कंपनी ने किया था। गुलाबी और पीले कलर के पोस्टर सरकारी पोस्टर की पहचान बन गए थे, लेकिन इन पोस्टर्स में एक अहम बात यह थी इन पर सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का चेहरा हुआ करता था। पार्टी का चुनाव चिन्ह या किसी अन्य नेता का चेहरा इन पर नजर नहीं आता था। यानी यह कंपनी पूरी तरह से सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ब्रांडिंग कर रही थी और इसे लेकर पार्टी में अंदरखाने विरोध के सुर भी उठ रहे थे।
पोस्टर पर डोटासरा का फोटो नहीं लगाने को लेकर हुआ था विवाद
जब तक चुनाव की आचार संहिता नहीं लगी थी तब तक इस पूरे प्रचार अभियान का खर्चा सरकार उठा रही थी, लेकिन आचार संहिता लगने के बाद जब यह प्रश्न सामने आया कि अब यह प्रचार अभियान कौन चलाएगा और इसका खर्चा कौन उठाएगा तो विवाद की स्थिति सामने आई। बताया जा रहा है कि एक बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और इस कंपनी के संचालक के बीच इस बात को लेकर कहासुनी भी हो गई कि इन पोस्टर्स पर पार्टी के अन्य नेताओं के चेहरे क्यों नहीं हैं। यह मामला कुछ दिन चला भी और इस दौरान कंपनी ने काम बंद कर दिया। आखिरकार सीएम अशोक गहलोत के दखल के बाद इसका पटाक्षेप हुआ और कुछ दिन पहले पार्टी ने इस कंपनी को ही प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी सौंप दी। और अब आखिरकार वो पोस्टर भी सामने आ गए जिसमें गहलोत के साथ डोटासरा और अन्य नेता भी दिख रहे हैं।