NEW DELHI. इंडिया बनाम भारत नाम को लेकर सियासी टकराव जारी है। यूरोप दौरे के तीसरे दिन पेरिस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत vs इंडिया विवाद, हिंदुत्व समेत कई मामलों को बातचीत की और बीजेपी सरकार पर हमला बोला। पेरिस की साइंसेज पो यूनिवर्सिटी में संबोधन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमारा संविधान दोनों नामों का उपयोग करता है। दोनों शब्द बिल्कुल ठीक हैं, लेकिन हो सकता है कि हमारे गठबंधन के नाम से सरकार से चिढ़ गई हो, क्योंकि हमारे गठबंधन का नाम I.N.D.I.A है। इसलिए हो सकता है कि उन्होंने देश का नाम ही बदलने का फैसला कर लिया हो।
राहुल गांधी ने BJP और RSS पर साधा निशाना
राहुल गांधी पेरिस की साइंसेज पो यूनिवर्सिटी में '90 मिनट्स विद राहुल गांधी' इवेंट में शामिल हुए। भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस भारत की निचली जाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यकों की अभिव्यक्ति और भागीदारी को रोकने की कोशिश कर रही है। मैं ऐसा भारत नहीं चाहता हूं, जहां लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जाए।
BJP का हिंदू धर्म से लेना-देना नहीं
बीजेपी की हिंदुत्व विचारधारा पर राहुल गांधी ने कहा मैंने गीता पढ़ी है, उपनिषद पढ़ी है और मैंने अन्य हिंदू किताबें भी पढ़ी हैं और मैं कह सकता हूं कि बीजेपी जो करती है उसमें कुछ भी हिंदू नहीं है, वहां बिल्कुल कुछ भी नहीं है, मैंने कभी किसी हिंदू किताब में नहीं पढ़ा, मैंने कभी किसी विद्वान हिंदू से यह नहीं सुना कि आपको उन्हें आतंकित करना चाहिए या उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहिए जो आपसे कमजोर हैं, ये बीजेपी के लोग हिंदू राष्ट्रवादी नहीं हैं, उनका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, वे सत्ता पाने के लिए कुछ भी करते हैं, वे कुछ लोगों पर प्रभुत्व चाहते हैं, इसमें कुछ भी हिंदू नहीं है।
भारत में करोड़ों लोग असहज महसूस करते हैं
राहुल ने कहा कि भारत में सिख समुदाय सहित 20 करोड़ लोग असहज महसूस कर रहे हैं। ये हमारे लिए शर्म की बात है। इसे ठीक करने की जरूरत है। ऐसे अल्पसंख्यक भी हैं, जो असहज महसूस करते हैं। ऐसी महिलाएं भी हैं, जो सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं।
जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर बोले राहुल गांधी
जी20 शिखर सम्मेलन और चीन को लेकर राहुल गांधी ने कहा जब आप भारत (आकार के अनुसार) जैसे देश के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं तो हमारे कई देशों के साथ संबंध होने चाहिए। हम अपने पक्ष में हैं और एक राष्ट्र के रूप में हम अपने हित में कार्य करते हैं, हम अपने हित के संबंध में वहीं करते हैं जो हमें सूट करता है, हमारे लिए एक पक्ष चुनना मुश्किल हो जाता है लेकिन हमारा दृढ़ विचार है कि आवाज और लोकतंत्र महत्वपूर्ण हैं।