RAIPUR. छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनें रद्द किए जाने और रेलवे के निजीकरण को लेकर आज (10 सितंबर) से कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन शुरू हो रहा है। तीन दिन यानी 10, 11 और 12 सितंबर को ब्लॉक और जिला स्तरों पर विरोध प्रदर्शन होगा। इसके बाद 13 सितंबर को निर्णयात्मक आंदोलन होगा, जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करेंगे और ट्रेनों का परिचालन भी रोक सकते हैं। इससे रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर सहित प्रदेशभर के स्टेशनों से गुजरने वाली 150 से ज्यादा ट्रेनें और दो लाख से अधिक यात्री आंशिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।
कांग्रेस का रेल रोका प्रदर्शन
रेलवे सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के रेल रोको आंदोलन को लेकर रेलवे ने आरपीएफ को अलर्ट कर दिया है। रायपुर सहित प्रमुख स्टेशन आरपीएफ के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। किसी भी कांग्रेसी को प्लेटफॉर्म के अंदर प्रवेश ही नहीं होने दिया जाएगा। स्टेशन के बाहर वे प्रदर्शन कर सकेंगे, लेकिन अंदिर नहीं आने दिया जाएगा। यदि कांग्रेसियों को स्टेशन के भीतर प्रवेश करने से ही रोक दिया गया तो ट्रेनों का परिचालन प्रभावित नहीं होगा। हालांकि अभी तक कांग्रेस ने 13 को होने वाले रेल रोको आंदोलन को लेकर कोई समय जारी नहीं किया है।
ट्रेनों के रद्द होने से यात्री परेशान
इस आंदोलन को लेकर दुर्ग शहर के विधायक अरुण वोरा ने शनिवार ( 9 सितंबर) को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देशभर और खासकर छत्तीसगढ़ की ट्रेनों को रद्द किए जाने से राज्य के हजारों यात्री परेशान हो रहे हैं। त्योहार और खास अवसरों पर ट्रेनें रद्द कर दी जाती हैं। केंद्र की बीजेपी सरकार लोगों की इस सरल और सस्ता परिवहन साधन को निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र कर रही है। वहीं शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे ने कहा कि ट्रेनों में अधिकतम मध्यमवर्ग के लोग सफर करते हैं। लगातार ट्रेनें रद्द होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है।