राजस्थान में कांग्रेस की रणनीतिक समिति नहीं चाहती कोई गठबंधन

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राजस्थान में कांग्रेस की रणनीतिक समिति नहीं चाहती कोई गठबंधन

मनीष गोधा, JAIPUR. राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों का गठबंधन तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभा रही कांग्रेस संभवत राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कोई गठबंधन नहीं करेगी। राजस्थान में चुनाव के लिए बनाई गई कांग्रेस की रणनीतिक समिति ने यह संकेत दिए हैं। समिति यह नहीं चाहती है की पार्टी राजस्थान में किसी भी अन्य दल के साथ कोई गठबंधन करे। पार्टी की रणनीतिक समिति इस बारे में कांग्रेस आला कमान को अपना सुझाव भेजेगी। हालांकि, अंतिम निर्णय वाला कमान के स्तर पर ही होगा।

गठबंधन वाली सीटों पर पार्टी संगठन की स्थिति कमजोर

विधानसभा चुनाव के लिए गठित पार्टी के रणनीतिक समिति के अध्यक्ष हरीश चौधरी का कहना है कि समिति में इस बात पर सर्व सहमति है कि पिछली बार जिन सीटों पर पार्टी ने गठबंधन किया था उन विधानसभा सीटों पर पार्टी संगठन की स्थिति कमजोर हुई है और पार्टी के कार्यकर्ता कमजोर हुए हैं ऐसे में हमारा मानना है इस बार पार्टी को विधानसभा चुनाव में कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि हमारी सरकार ने राजस्थान बहुत अच्छा काम किया है इसलिए पार्टी को सरकार के कामकाज और पार्टी की रीति नीति के आधार पर ही आगे बढ़ते हुए मजबूती से चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समिति का सुझाव है जो हम पार्टी नेतृत्व को भेजेंगे, अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व को ही करना है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में जो दल शामिल है उनमें से कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी राजस्थान में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी दो दिन पहले कहा था कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर कोई गठबंधन हुआ है तो उससे राजस्थान भी अछूता नहीं रहेगा और राजस्थान में भी समान विचारधारा वाले दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में चौधरी और डोटासरा के बयान मेल नहीं खाते हैं।

पिछले चुनाव में पांच सीटों पर किया था गठबंधन

साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने आरएलडी, एलजेडी और एनसीपी के साथ पांच सीट मालपुरा, भरतपुर, बाली, कुशलगढ़ और मुंडावर विधानसभा में गठबंधन किया था, लेकिन इनमें से सिर्फ भरतपुर पर ही आरएलडी के टिकट पर सुभाष गर्ग जीत हासिल कर पाए। ऐसे में गठबंधन से कांग्रेस पार्टी को कोई बहुत बड़ा फायदा नहीं हुआ।

इस बार इन सीटों पर हो सकता है गठबंधन

हालांकि, पार्टी की रणनीतिक समिति नहीं चाहती कि पार्टी गठबंधन कर लेकिन उसके बावजूद यदि गठबंधन होता है तो भरतपुर सीट पर आरएलडी के साथ वहीं कम्युनिस्ट पार्टी की मजबूत सीटों में भादरा, डूंगरगढ़ और धोध सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी के साथ और पंजाब से जुड़ी गंगानगर और हनुमानगढ़ की ऐसी सीटें जहां पार्टी लगातार चुनाव हार रही है वहां आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया जा सकता है। इनमें अनूपगढ़ और गंगानगर की सीट शामिल है। कांग्रेस में ऊपरी स्तर पर हनुमान बेनीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर मंथन चल रहा है लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि हनुमान बेनीवाल अभी इंडिया का हिस्सा नहीं बने हैं वहीं वे कुछ ऐसी सीटें भी मांग सकते हैं जिन पर पार्टी मजबूत रही है।

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