गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में बीजेपी की महतारी वंदन योजना को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने विवादित बयान दिया है। चंद्राकर ने कहा है कि बीजेपी की महतारी वंदन योजना के बारे में सुनकर कांग्रेस की पैंट गीली हो गई। उनकी इस टिप्पणी पर कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने नसीहत दी कि हार की बौखलाहट में चंद्राकर को शिष्टता नहीं भूलनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने का दावा
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने दावा किया कि 3 दिसंबर को प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना की वजह से कांग्रेस को अपना घोषणा पत्र जारी होने के बाद नई घोषणाएं करनी पड़ी। कांग्रेस ने बीजेपी पर फॉर्म भरवाने के आरोप लगाए। चंद्राकर ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि वो साबित करे कि बीजेपी के लोग पंडाल लगाकर फॉर्म भरवा रहे थे।
निर्वाचन आयोग पर लगाया आरोप
अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जो शिकायतें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में दीं, उन्हें जानबूझकर कई दिनों तक लंबित रखा फिर बिना बताए निरस्त भी कर दिया। चंद्राकर ने मांग की कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से बीजेपी की ओर से की गईं तमाम शिकायतों पर निष्पक्ष जांच कराई जाए। हमारा पक्ष भी सुना जाए और अगर उसे नस्तीबद्ध किया गया है, तो उसकी ब्योरावार जानकारी दी जाए। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय अगर बीजेपी की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा, तो बीजेपी भारत निर्वाचन आयोग और कोर्ट में भी इन शिकायतों को लेकर जाएगी।
कर्मचारी नहीं डाल पाए वोट
कर्मचारियों के मतदान का प्रतिशत ज्यादा रहा। जिन कर्मचारियों का चुनाव ड्यूटी से नाम हटाया गया, वो कर्मचारी अपने मूल स्थान पर भी मतदान से वंचित हो गए। ये जानबूझकर किया गया, क्योंकि कांग्रेसी ये जानते थे कि कर्मचारी वर्ग कांग्रेस से नाराज है। वो जितना ज्यादा वोट करेंगे, उतना ही कांग्रेस को नुकसान होगा। इसलिए कम से कम 25 हजार कर्मचारियों को मतदान से साजिशन वंचित किया गया।
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कांग्रेस बोली- बीजेपी चुनाव हार रही
बीजेपी के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के आरोपों पर कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी चुनाव हार रही है। इसी बौखलाहट में वे शिष्टता भूल गए हैं और अधिकारियों को धमका रहे हैं। निश्चित तौर पर बीजेपी की बौखलाहट स्वाभाविक है, लेकिन चुनाव में अगर आप हार रहे हैं, तो जनता में अलोकप्रिय हैं। शुक्ला ने कहा कि विपक्ष की भूमिका होने के बाद भी बीजेपी नेता जनता के बीच मुद्दों के साथ नहीं गए। झूठे मुद्दों को लेकर जनता के बीच गए जिससे जनता ने उन्हें नकार दिया है। अधिकारियों को धमकाना उचित नहीं है, ये भारतीय जनता पार्टी की सामंती मानसिकता को दर्शाता है।