छत्तीसगढ़ चुनाव में उतरे 1178 प्रत्याशियों में से 126 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

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Rahul Garhwal
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छत्तीसगढ़ चुनाव में उतरे 1178 प्रत्याशियों में से 126 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. छत्‍तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर 2 चरणों में हो रहे चुनाव में कुल 1178 प्रत्‍या‍शियों में से 126 यानी 11 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 72 यानी 6 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ये खुलासा एडीआर की ताजा रिपोर्ट में किया गया है।

शपथ पत्रों का विश्लेषण

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में पहले और दूसरे चरण से चुनाव लड़ने वाले 1181 में से 1178 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया। 1178 उम्मीदवारों में से 296 राष्ट्रीय दलों से 114 राज्य दलों से, 339 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 429 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

1 प्रतिशत कम हुए दागी उम्‍मीदवार

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में विश्लेषित किए गए 1178 में से 126 (11 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में 1256 में से 145 (12 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे। यानी दागी प्रत्‍याशियों की संख्‍या में 1 फीसदी की कमी आई।

गंभीर आपराधिक मामलों के लिए मापदंड

  • 5 साल या उससे अधिक सजा वाले अपराध
  • गैर जमानती अपराध
  • चुनाव से सम्बन्धित अपराध (धारा-171 अथवा रिश्वतखोरी)
  • सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचान से सम्बन्धित अपराध
  • हमला, हत्या, अपहरण, बलात्कार से सम्बन्धित अपराध
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में। उल्लेखित अपराध (धारा-8)
  • भष्टाचार निरोधक अधिनियम कानून के तहत अपराध
  • महिलाओं के ऊपर अत्याचार सम्बन्धित अपराध

गंभीर आपराधिक मामले में 2 फीसदी की कमी

इस बार 126 में से 72 (6 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में 98 (8 प्रतिशत) उम्मदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले थे।

आम आदमी पार्टी के सबसे ज्‍यादा दागी

इस चुनाव में सर्वाधिक दागी प्रत्‍याशी आम आदमी पार्टी ने उतारे हैं। AAP के 54 में से 18 यानी 30 प्रतिशत प्रत्‍याशी दागी हैं। जबकि BJP के 90 में से 17 (19 प्रतिशत), INC के 90 (17 प्रतिशत), जेसीसीजे के 77 में से 14 यानी 18 प्रतिशत और BSP के 59 में से 3 (5 प्रतिशत) उम्मीदवार दागी हैं।

गंभीर आपराधिक मामलों में भी आप आगे

  • AAP के 54 में से 7 (13 प्रतिशत)
  • BJP के 90 में से 8 (9 प्रतिशत)
  • INC से 7 (8 प्रतिशत)
  • JCCJ के 77 में 6 (8 प्रतिशत)
  • बीएसपी के 59 में 2 (3 प्रतिशत)

गंभीर अपराध में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले 2 उम्मीदवारों पर चल रहे हैं। हत्या (आईपीसी-303) से सम्बन्धित मामलों में से 1 उम्मीदवार पर आजीवन कारावास से दण्डित अपराधी द्वारा हत्या से सम्बन्धित मामला है। हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) से सम्बन्धित मामले 4 उम्मीदवारों पर चल रहे हैं।

21 संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में 90 में से 21 (23 प्रतिशत) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र है, जहां 3 या उससे ज्यादा उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में 18 (20 प्रतिशत) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र थे, जहां 3 या उससे ज्यादा उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे।

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राजनीतिक दलों को चुनाव प्रणाली में सुधार करने में कोई दिलचस्पी नहीं

रिपोर्ट में एडीआर ने माना है कि छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों को चुनाव प्रणाली में सुधार करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और लोकतंत्र में कानून तोड़ने वाले उम्मीदवार जीतने के बाद कानून बनाने वाले विधायक बन जाते हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है‍ कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि उन्होंने फिर से आपराधिक मामलों वाले लगभग 11 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया है। छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने वाले सभी प्रमुख दलों ने आपराधिक पृष्‍ठभूमि से 5 प्रतिशत से 30 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने 13 फरवरी 2020 के अपने निर्देशों में विशेष रूप से राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को चुनने और साफ छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने के कारण बताने का निर्देश दिया था। इन अनिवार्य दिशा-निर्देशों के अनुसार, ऐसे चयन का कारण सम्बन्धित उम्मीदवार की योग्यता, उपलब्धियों और योग्यता के संदर्भ में होना चाहिए। हाल ही में 2023 में हुए 4 राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान ये देखा गया कि राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए ऐसे निराधार और आधारहीन कारण, जैसे व्यक्ति की लोकप्रियता, अच्छे सामाजिक कार्य, राजनीति से प्रेरित मामले आदि। ये दागी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के लिए ठोस कारण नहीं है।

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