संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में कस्टम कमिशनरेट की टीम द्वारा इंटेलीजेंस की सूचना पर पीथमपुर की कंपनी केआरएम प्लास्टिक एलएलपी पर छापे मारे। यह छापे 12 सितंबर को इंदौर में उनके दफ्तर और डायरेक्टरों के ठिकाने पर मारे गए। छापों में 6.66 करोड़ की ड्यूटी चोरी की जानकारी सामने आने के बाद डायरेक्टर उत्कर्ष भावे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 27 सितंबर तक जेल में भेज दिया गया है।
कस्टम विभाग ने यह दी जानकारी
कस्टम विभाग की ओर से अपर आयुक्त आकाश सिंघाई द्वारा जानकार दी गई। इसमें बताया गया कि खुफिया सूचना के आधार पर विभाग ने 12 सितंबर की सुबह कंपनी के कारखाने, डायरेक्टरों के पंजीकृत परिसर पर छापे मारे। तालाशी के दौरान पाया गया कि मेसर्स केआरएम प्लास्टिक्स एलएलपी में पार्टनर उत्कर्ष भावे ने एडवांस ऑथोराइजेशन स्कीम के तहत पीपी ग्रेन्युल्स का गलत तरीके से आयात कर सरकारी राजस्व का नुकसान किया। धोखाधड़ी से किए गए आयात के शुल्क की कुल राशि 6 करोड़ 66 लाख 94 हजार 879 रुपए बनती है। आरोपी को सीमा शुल्क एक्ट 1962 की धारा 104 के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 27 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
इस तरह की ड्यूटी चोरी
केंद्र की स्कीम एडवांस ऑथोराइजेशन के तहत पूरी तरह से उत्पाद को देश के बाहर निर्यात करने के उद्देश्य से बुलाए गए कच्चे माल पर ड्यूटी की छूट दी जाती है। भावे की कंपनी ने विदेश से माल तो बुलाया और छूट ली लेकिन बने हुए उत्पाद को डायवर्ट कर दिया यानी देश में ही बेच डाला। इस तरह 6.66 करोड़ की ड्यूटी का फायदा उठाया।
कंपनी में और भी डायरेक्टर
कंपनी में भावे के साथ ही रिचा अश्तिकर भी डायरेक्टर है। वहीं भावे बीरबल बिजनेस स्ट्रेजिक प्रालि कंपनी में भी डायरेक्टर है, जिसमें विवेक राठी, वनजा भावे भी डायरेक्टर हैं। कंपनी का रजिस्टर्ड दफ्तर भोपाल के पते पर है, लेकिन फैक्टरी पीथमपुर में हैं और निवास विजनयगर क्षेत्र में हैं। विभाग द्वारा कई जगह ठिकाने मारकर तलाशी ली गई और भावे को गिरफ्तार किया गया।