BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। पहली लिस्ट आने के बाद टिकट वितरण को लेकर पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष देखने को मिल रहा है। नाराज और असंतुष्ठ नेताओं ने अब कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। इस बीच पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि आप अपना प्रतिवेदन तथ्यों के साथ एआईसीसी के महासचिव, सचिव और पर्यवेक्षक को लिखित में दें, आपको न्याय अवश्य मिलेगा।
टिकट वितरण सबसे कठिन काम
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लिखा कि उन्हें साल 1985 में राजीव गांधी ने 38 साल की उम्र में मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। तब से टिकट वितरण प्रक्रिया में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सबसे कठिन काम है। दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि इस चुनाव में लगभग 4 हजार उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। इनमें से केवल 230 का चयन होना है। मापदंड क्या हो सकता है? जिला कांग्रेस से नाम लिए गए। वरिष्ठ कांग्रेस जनों से नाम लिए गए। उन्होंने आगे लिखा कि एआईसीसी के सचिवों ने हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर कार्यकर्ताओं से चर्चा की। एआईसीसी की स्क्रीनिंग कमेटी ने भोपाल में आकर सभी से मिलने का प्रयास किया। निष्पक्षता से हर विधानसभा क्षेत्र का सर्वे करवाया गया।
सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि प्रदेश कांग्रेस ने अलग-अलग लोगों से सर्वे कराया। फिर प्रयास किया है आम सहमति बने। ज्यादा से ज्यादा वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाए। महिलाओं और युवाओं को अवसर दिया जाए। फिर भी सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं है। प्रत्याशियों में असंतोष होना स्वाभाविक है। क्योंकि हर उम्मीदवार यह समझता है, केवल वही चुनाव जीत सकता है।
टिकट नहीं पाने वाले नेताओं से की अपील
उन्होंने कहा, जनता बदलाव चाहती है, विकल्प केवल कांग्रेस है, जिनको उम्मीदवार नहीं बना पाए हैं, उनको संगठन में स्थान दिया जाना चाहिए। यदि सरकार बनती है तो सभी योग्य लोगों को सम्माननीय स्थान पर अवसर मिलना चाहिए। मैं सभी टिकट प्राप्त करने में असफल रहे उम्मीदवारों से अपील करना चाहता हूं आप धैर्य रखें। हम सभी को मिलजुल कर सरकार बनाना है। आप सभी से विनम्र अपील है, आपको जो कहना है वह तथ्यों के आधार पर एआईसीसी के महासचिव, सचिव और पर्यवेक्षक को लिखित में अपना प्रतिवेदन दें, न्याय अवश्य मिलेगा।