BHOPAL. भोपाल में गुरुवार को हाई पॉलिटिकल ड्रामा देखने को मिला। भांडेर सीट से विधायक का चुनाव जीते कांग्रेस के फूल सिंह बरैया अपना मुंह काला करने के लिए राजभवन के लिए निकले। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और मुंह काला नहीं करने दिया। दिग्विजय सिंह ने बरैया को काला टीका लगाकर उनका वचन पूरा कराया। दतिया जिले की भांडेर सीट से विधायक बने फूल सिंह बरैया ने चुनाव से पहले दावा किया था कि अगर बीजेपी की मध्यप्रदेश में 50 सीट भी आती हैं तो वे अपना मुंह काला करेंगे। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 163 मिलने के बाद से ही सोशल मीडिया पर बरैया को अपना वचन निभाने की नसीहत दी जा रही थी।
दो दिन पहले बरैया ने समय और स्थान तय किया था
दो दिन पहले कांग्रेस नेता बरैया ने घोषणा की थी, कि 7 दिसंबर की दोपहर 2 बजे वे राजभवन के सामने खुद का मुंह काला करेंगे। जिसके बाद से राजधानी की पुलिस पहले से ही अलर्ट थी। पुलिस ने रोशनपुरा चौराहे के सामने बैरिकेडिंग कर बरैया को रोकने की तैयारी की थी। राजभवन जाने वाली सड़क को भी बंद कर दिया गया था।
ग्वालियर में बरैया समर्थक ने अपना मुंह काला किया
फूल सिंह बरैया के समर्थन में ग्वालियर में बुधवार को 6 दिसंबर को किसान कांग्रेस के नेता योगेश दंडोतिया ने अपना मुंह काला कर लिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था, हमारे नेता फूल सिंह बरैया को मुंह काला करने की जरूरत नहीं है, इसीलिए मैंने अपना मुंह काला कर लिया है।
MP में बसपा को खड़ा करने वाले बरैया थे
प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए मध्यप्रदेश में बसपा को खड़ा करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। फूल सिंह बरैया दो दशक पहले बसपा के कद्दावर नेता थे। बसपा से विधायक भी रहे। वे बसपा प्रमुख मायावती के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक थे। बाद में बसपा से नाराज होकर उन्होंने समता समाज पार्टी का दामन थामा। कुछ दिनों बाद उन्होंने बीजेपी की भी संगत की। बाद में उन्होंने बहुजन संघर्ष दल बना लिया। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें 2020 में राज्यसभा प्रत्याशी बनाया था। वे चुनाव हार गए।
मायावती ने कागजात चोरी का लगाया था आरोप
अक्टूबर 2003 में फूल सिंह बरैया खासे चर्चा में थे। दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बरैया अचानक बसपा प्रमुख मायावती की आंख की किरकिरी बन गए थे। उनके मिशन MP में बरैया आड़े आ रहे थे। मायावती ने पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया। पार्टी के जरूरी कागजात चोरी करने का आरोप लगाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। वे पांच दिन अंडर ग्राउंड रहे थे। इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी लॉन्च की। बरैया ने मायावती और दिग्विजय से जान का खतरा होना बताया। उन्होंने कहा था कि दिग्विजय सिंह और मायावती ने उनके क्षेत्र में गुंडे भेजे हैं। समर्थकों को धमका रहे हैं।