संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने गांधी हाल में शनिवार को युवा बेरोजगार की महापंचायत को संबोधित किया गया। उन्होंने युवाओं से कहा कि जिनकी प्राथमिकता युवा नहीं है, ऐसी सरकार को लात मारकर हटाना चाहिए। मंच से ही उन्होंने पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच शासकीय अधिकारियों की जगह युवाओं से ही कराने की बात कही।
सीएम शिवराज पर निशाना
कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को कहा कि आप टेलीविजन वाली सरकार चला रहे हो, मुंह चलाने और प्रदेश चलाने में अंतर होता है। वहीं इंदौर आगमन पर मीडिया से चर्चा के दौरान सीएम के आरोप कि कमलनाथ सरकार के दौरान वल्लभ भवन दलाली का अड्डा बन गया था। इस पर कहा कि बीजेपी कुछ भी कहे, हर बात का सबूत होता है, वहां कैमरे लगे हैं। सभी रिकॉर्ड होता है। ये बातें चुनाव के आने से साबित होता है कि वे कितने बौखलाए हुए हैं। मुझे मप्र की जनता पर विश्वास है, खासकर इंदौर में काफी जागरुकता है, ये चुनाव उम्मीदवार और पार्टी का नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के भविष्य का है।
घोटाला प्रदेश बन गया है मप्र, जमकर भ्रष्टाचार- कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा कि मप्र भ्रष्टाचार में नंबर-1 हो गया है, यह घोटाला प्रदेश हो गया है। हर काम में घोटाला हो रहा है। 3.40 लाख करोड़ का कर्जा लिया, क्योंकि नए ठेके देना है, इसमें कमीशन लेना है। आज युवाओं का भविष्य अंधेरे में हैं तो फिर प्रदेश का भविष्य कैसे सुधरेगा। युवाओं ने कई मांग बताई, यह सभी पूरी करेंगे, बस भर्ती में घोटाला हमारी सरकार नहीं करेगी। मेरी सरकार में माफिया युद्ध किया, मिलावट के खिलाफ युद्ध किया। शिवराज सरकार समिट करती है मैं तो कहता हूं कि केवल रिक्त पद भी भर दो तो युवाओं के लिए काफी होगा। सरकार के लिए विजन की जरूरत है। आज का युवा सोच में बहुत आगे हैं, 95 फीसदी सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, वह ज्ञान देने वालों को भी ज्ञान दे सकते हैं। यहां उद्योगपति कहते हैं कि मप्र में भ्रष्टाचार है, वहां निवेश नहीं करेंगे। निवेश के लिए विश्वास की जरूरत है, यह मांगा नहीं जाता, बल्कि आकर्षित किया जाता है जो विश्वास से आता है।
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युवाओं ने बीजेपी सरकार से जताई नाराजगी
युवा बेरोजगार पंचायत को समन्वय कर रहे रमीज खान ने एक-एक कर विविध संगठनों की बात रखवाई। एक आदिवासी युवक ने कहा कि हमारी सरकारें नहीं सुनती है, सरकार तो आपकी आएगी या उनकी जाएगी, लेकिन हमारे 15 साल नौकरी के चक्कर में चले गए। हमें एक-दो नहीं पूरे 47 आदिवासी विधायकों से कहना है कि आंख-कान खोलकर सुन लो, अब हम सहन नहीं करेंगे। कई संगठनों ने शिक्षक भर्ती वर्ग 1, 2 और 3 में खाली 51 हजार पदों की बात कही। अभी तक पद नहीं भरे जा रहे हैं। नर्सिंग छात्रों ने कहा कि 3 साल से परीक्षा नहीं हो रही है, कृषि विस्तार अधिकारी बैकलाग पद की भर्ती से लेकर पटवारी में भर्ती नहीं होने और घोटाला होने तक की बात उठाई गई। अतिथि विद्वान में 25 फीसदी आरक्षण देने और बोनस अंक देने की घोषणा का विरोध किया गया और इसे वापस लेने की मांग कमलनाथ के सामने रखी गई।