राजस्थान में गाय के प्रति और बढ़ेगा गहलोत का प्रेम, सरकार रिपीट हुई तो गाय का गोबर और मूत्र खरीदने की योजना हो सकती है शुरू

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Jitendra Shrivastava
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राजस्थान में गाय के प्रति और बढ़ेगा गहलोत का प्रेम, सरकार रिपीट हुई तो गाय का गोबर और मूत्र खरीदने की योजना हो सकती है शुरू

JAIPUR. राजस्थान में कट्टर हिंदुत्व एजेंडा का जवाब देने के लिए कांग्रेस इस बार सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रही है। बीजेपी की गौभक्ति का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में अशोक गहलोत पहली बार गाय की पूजा करते देखे गए। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री का गाय के प्रति यह प्रेम अब और बढ़नी जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार रिपीट होने पर राजस्थान में भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर गाय का गोबर और गौमूत्र सरकार द्वारा खरीदने की योजना शुरू करने की घोषणा करने वाले हैं। यह घोषणा शुक्रवा को भी हो सकती है। सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जनता को पांच और गारंटी देने के संकेत दिए हैं और उनमें से यह योजना भी एक हो सकती है।

कांग्रेस सरकार पर धार्मिक तुष्टिकरण का आरोप

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी इस बार कांग्रेस सरकार पर लगातार धार्मिक आधार पर तुष्टिकरण करने के आरोप लगा रहीं है। इन आरोपों का बीजेपी के पास आधार भी है क्योंकि मौजूदा सरकार के समय करौली भीलवाड़ा जोधपुर आदि स्थानों पर सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं और हिंदू त्योहारों के समय कानून व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर प्रशासन की ओर से धारा-144 लगाने के आदेश भी जारी होते रहे हैं। बीजेपी ने कांग्रेस के धार्मिक आधार पर तुष्टीकरण को प्रमुख मुद्दा बनाया हुआ है और पार्टी का हर नेता अपने बयानों में इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते नजर आता है।

महाकाल मंदिर के तर्ज पर री डेवलपमेंट करने की योजना

इसी मुद्दे की कट करने के लिए राजस्थान में इस बार कांग्रेस की सरकार ने कुछ ऐसे निर्णय किए हैं जो पहले की कांग्रेस सरकारों में होते नहीं देखे गए हैं। मौजूदा सरकार के समय सरकार के देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों में भगवा ध्वजाएं फहराने, सहस्त्र घट के आयोजन करने और भागवत कथाएं करने जैसे कार्यक्रम हुए हैं। सरकार की ओर से पुजारियों के मानदेय में अच्छी खासी वृद्धि की गई है और जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में 100 करोड़ रुपए खर्च कर इसका उज्जैन के महाकाल मंदिर के तर्ज पर री डेवलपमेंट करने की योजना भी घोषित की गई है।

गोवंश की बीमा योजना लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य

मंदिरों के लिए किए गए इन कामों के साथ ही सरकार ने गायों को लेकर इस बार कई बड़े निर्णय किए हैं। हाल में गायों के बीच फैले लंपी रोग के कारण बड़ी संख्या में गायों और गोवंश की मौत हुई है। सरकार की ओर से इसके लिए पशुपालकों को मुआवजा दिया गया है और कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत गोवंश का 40,000 रुपए का बीमा किया जा रहा है। गोवंश के लिए बीमा योजना लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य है।

गौशाला संचालकों का एक बड़ा सम्मेलन भी किया

सरकार ने सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि निर्मित करने के लिए न सिर्फ ऐसे निर्णय किया। बल्कि, यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विभिन्न अवसरों पर गाय की पूजा करते नजर आए। आचार संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले ही सरकार की ओर से गोवंश पालने वाले पशुपालकों और गौशाला संचालकों का एक बड़ा सम्मेलन भी किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने हर भाषण में दावा किया है कि बीजेपी की सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में गोवंश के विकास पर सिर्फ 500 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि हमारी सरकार ने 3000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस तरह उन्होंने खुद को और कांग्रेस की सरकार को बीजेपी से बड़ा गौभक्त साबित करने का प्रयास किया है।

योजना की घोषणा शुक्रवार को हो सकती है

अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ में चल रही योजना को राजस्थान में लागू करने का चुनावी वादा करने की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में गायों का गोबर और गोमूत्र सरकार द्वारा खरीदा जाता है। कांग्रेस की सरकार रिपीट हुई तो इसी योजना को राजस्थान में भी लागू किया जा सकता है। इसकी घोषणा शुक्रवार को हो सकती है।

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