BHOPAL. चुनाव नजदीक आते-आते मध्यप्रदेश की चुनावी फिजा तेजी से बदल रही है। अब तक बीजेपी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के पास ढेरों मुद्दे थे। बीजेपी ने एक-एक कर मुद्दों के इतने बाउंसर फेंके की कांग्रेस हुक कर लेती तो शायद बीजेपी आसानी से चुनावी मैच हार जाती, लेकिन कांग्रेस ने हर मुद्दा डक कर दिया। बीजेपी ऐसी कोई गलती करने के मूड में नहीं है। वो तो इस फिराक में थी कि छोटी सी गेंद भी उनकी तरफ आए तो लपक लें। कांग्रेस ने भी ये मौका उन्हें आसान कैच की तरह हाथ में दे दिया और प्रदेश में नया चुनावी नेरेटिव सेट हो गया। जो बीजेपी कांग्रेस को घेरने के लिए अब तक 20 साल पुरानी कांग्रेस सरकार की खामियां गिनाने और मिस्टर बंटाधार की यादें ताजा करने में लगी थी अब उसे जबरदस्त चुनावी मुद्दा मिल गया। जिसके बाद आलम ये है कि इंडिया के नेताओँ की तस्वीरें पैरों तले रौंदी जा रही हैं। थोड़ी बहुत जो कसर बची है उसे पूरा करने के लिए साधु संत भी आगे आ चुके हैं।
कांग्रेस ने खुद ही मौका बीजेपी की झोली में डाला है
ढेरों सर्वे, बार-बार बदलती चुनावी रणनीति और कई दफा के दौरों के बाद बीजेपी को आखिर वो एक मुद्दा मिल ही गया। जो उसे एंटीइंकंबेंसी और असंतुष्ट कार्यकर्ताओं की फौज वाले मध्यप्रदेश में जीत के रास्ते पर ला सके। मजेदार बात ये है कि जाने या अनजाने कांग्रेस ने खुद ही ऐसा मौका बीजेपी की झोली में डाल दिया है। उस मुद्दे पर बड़ा बयान देकर खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में नया चुनावी नैरेटिव सेट कर दिया है। और, इंडिया के इरादों की हवा निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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इस चुनाव में दो चेहरे सामने हैं सनातन और अधर्म
पीएम का बयान ये जताने के लिए काफी है कि अब मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल और मुद्दा किस तरफ जाने वाला है। दो महीने बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वैसे भी प्रदेश में धार्मिक माहौल बनना शुरू हो चुका है। तकरीबन हर नेता भीड़ जुटाने प्रवचन, कथा और पाठ करवा रहा है। जहां सनातन का मुद्दा जोर शोर से उठ रहा है। सिवनी में कथा के दौरान रामभद्राचार्य कह ही चुके हैं कि आने वाला चुनाव शिवराज और कमलनाथ के बीच नहीं होगा। इस चुनाव में दो नए चेहरे आमने-सामने हैं सनातन और अधर्म।
ये इशारे काफी हैं ये समझने के लिए आने वाले दिनों में सनातन का मुद्दा जबरदस्त रूप से गर्माने वाला है।
बीजेपी के रणनीतिकार अब प्लानिंग में जुट गए हैं
पिछले तीन चुनाव से बीजेपी राम वनगमन का मुद्दा बुलंद करती रही है। इस बार उसे दरकिनार कर बीजेपी ने सनातन का मुद्दा लपक लिया है। दिलचस्प बात ये है कि अब तक मुद्दों से बेजार बीजेपी को कांग्रेस ने खुद ये मुद्दा हाथ में लाकर थमाया है। विपक्षी गठबंधन इंडिया से जुड़े एक नेता के बयान ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाई हैं और बीजेपी की राह आसान कर दी है। प्रदेश में धार्मिक लोकों की झांकी सजाकर बीजेपी धर्म की राह पर चलने की कोशिश में तो थी ही अब सनातन ने भी उसके पाले को मजबूत बना दिया है। हिंदुओं की भावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर बीजेपी के रणनीतिकार अब आक्रामक होकर आगे आने की प्लानिंग में जुट गए हैं।
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उदयनिधि के बयान के बाद मप्र की राजनीति भी गर्माई हुई है
बीना में आए पीएम मोदी का सनातन पर दिया गया बयान बीजेपी के लिए एक इशारे की तरह है। चुनाव अब सनातन की दिशा में मुड़ चुका है। तमिलनाडू के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर दिए बयान के बाद से मध्यप्रदेश की राजनीति भी पूरी तरह गर्माई हुई है। इस मुद्दे को कैश करने की तैयारी किस कदर है उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंदौर में एक मंदिर की सीढ़ियों पर उदयनिधि की तस्वीर लगाकर लोग उसे पैरों तले रौंद कर आगे बढ़ रहे हैं। सनातन धर्म की पताका लहरा कर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पहले कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं। उसके बाद से इक्का दुक्का मामले सामने आते रहे।
सनातन धर्म के लिए लोगों में क्रेज बढ़ा
- राजपूतों को मुस्लिमों का पूर्वज बताकर मंदसौर में एक शख्स मुसलमान से हिंदू बन गया।
- 15 दिन बाद रतलाम में 18 लोगों ने सनातन का जयघोष करते हुए हिंदू धर्म अपनाया।
- अगस्त माह में देवास के पास नेमावर में 35 परिवारों के 190 लोगों ने सनातन धर्म अपनाया।
सनातन धर्म के लिए ये आयोजन और घोषणाएं भी हुई
- इसी साल भिंड जिले के गांव में सनातन धर्म महासम्मेलन भी हुआ।
- 3500 करोड़ रुपए की लागत से 11 धार्मिक कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है।
- चित्रकूट में वनवासी रामपथ, ओरछा में राजा राम लोक, दतिया में पीतांबरा कॉरिडोर, इंदौर में अहिल्या नगरीय लोक, खरगोन में नवग्रह कॉरिडोर, सलकनपुर में माता के मंदिर में मंदिर लोक, ओंकारेश्वर में एकात्म धाम, सागर में संत रविदास मंदिर धाम, ग्वालियर में शनि लोक, बड़वानी में नाग लोक कॉरिडोर बनेंगे।
चुनाव को देखते हुए धार्मिक आयोजन भी होने लगे
- शिवराज सरकार के कई मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में कथा करा चुके हैं। इसमें कांग्रेस के विधायक भी कथा कराने में पीछे नहीं हैं।
- पिछले 6 महीने में 500 से ज्यादा धार्मिक कथाओं का आयोजन हो चुका है।
- एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में जुलाई 2022 में बाबा बागेश्वर यानी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन करा चुके हैं।
- कमलनाथ के गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा भी हो चुकी है।
- सिवनी में कुछ ही दिन पहले आचार्य रामभद्राचार्य की कथा हो चुकी है।
- छिंदवाड़ा में प्रदीप मिश्रा की कथा के बीच उन्होंने उदयनिधि स्टालिन को ही कोरोना डेंगू की औलाद बताया।
सनातन की अनदेखी चुनाव में भारी पड़ सकती है
सनातन धर्म के नाम पर लोकल लेवल पर कई घटनाएं हुईं। कथा कराने और सनातन की लहर बनाए रखने में कांग्रेस और बीजेपी में क्लोज फाइट चल रही थी। बीजेपी ही नहीं कांग्रेस को भी ये अहसास था कि सनातन की अनदेखी चुनाव में भारी पड़ सकती है, लेकिन अब कांग्रेस के हाथ से ये मुद्दा पूरी तरह निकलता दिखाई दे रहा है। हनुमान कथाएं करवाकर भी कांग्रेस अब उस नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती। इसके उलट ओंकारेश्वर में भव्य एकात्म धाम और आदिशंकाराचार्य की 108 फीट ऊंची विशाल मूर्ति स्थापित कर बीजेपी सनातन की रेस में बहुत आगे निकलती दिख रही है। इस मूर्ति के अनावरण के लिए खुद पीएम मोदी ओंकारेश्वर आने वाले हैं।
कांग्रेस को ये मुद्दा विधानसभा ही नहीं लोकसभा चुनाव में भी भारी पड़ सकता है
आदिशंकराचार्य का भव्य स्थान बनवाकर बीजेपी न सिर्फ विधानसभा बल्कि, लोकसभा का रास्ता भी पक्का कर रही है। सनातन की पताका तो बीजेपी के नाम पर बुलंद होगी ही देशभर में बन रहे अलग-अलग धार्मिक कॉरिडोर और मंदिर भी बीजेपी के फेवर में ही मतदाताओं को रिझाएंगे। कांग्रेस को जल्द इसका तोड़ नहीं मिला तो आने वाले चुनाव में बड़ा नुकसान होने की पूरी आशंका है। ये नुकसान न सिर्फ विधानसभा चुनाव बल्कि, लोकसभा चुनाव में भी भारी पड़ सकता है।
सनातन की हवा बनाए रखने के लिए बीजेपी बैक टू बैक तगड़ी प्लानिंग जरूर करेगी।
I.N.D.I.A. के नेताओं के बयान ने बीजेपी के लिए सोने पर सुहागा का काम किया
सनातन की परंपरा पूरे देश में फैलाने का श्रेय जाता है आदि शंकराचार्य को। जिनके नाम पर विशाल प्रांगण तैयार करवा कर बीजेपी सनातन धर्म के फॉलोअर्स को अपने पाले में लाने में कामयाब हो ही जाएगी। ये कार्यक्रम तो पहले से ही तय था। इस बीच आए इंडिया से जुड़े नेताओं के बयान ने बीजेपी की स्ट्रेटजी के लिए सोने पर सुहागा की तरह काम किया। सनातन के नाम पर घमंडिया के नाम पर निशाना साधकर पीएम मोदी ने पूरी पार्टी को सही रास्ता दिखा ही दिया। इस मामले पर कांग्रेस के रणनीतिकारों की सुस्ती अब पार्टी पर बहुत भारी पड़ेगी और जो बाजी हाथ आते दिख रही थी उसका हाथ से फिसलना आसान हो जाएगा।