मध्यप्रदेश में बिखर गया I.N.D.I.A. एलायंस, समाजवादी पार्टी और जेडीयू उतार चुके हैं प्रत्याशी, गठबंधन पर इसका क्या होगा असर?

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Chandresh Sharma
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मध्यप्रदेश में बिखर गया I.N.D.I.A. एलायंस, समाजवादी पार्टी और जेडीयू उतार चुके हैं प्रत्याशी, गठबंधन पर इसका क्या होगा असर?

BHOPAL. बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने जनता दल यूनाइटेड की पहल पर इंडिया गठबंधन की नींव पड़ी। कांग्रेस भी इसमें मुख्य घटक के तौर पर शामिल है। शुरुआत में तेलंगाना चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने बीआरएस को गठबंधन से दूर रखने की शर्त पर एंट्री ली थी। लेकिन अब मध्यप्रदेश में भी इस गठबंधन में बिल्कुल भी तालमेल नहीं दिख रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए 45 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुके हैं तो अब जनता दल यूनाईटेड ने भी 5 उम्मीदवार उतारे हैं। खास बात यह है कि जेडीयू ने जहां प्रत्याशी उतारे हैं उनमें से 4 जगहों पर कांग्रेस के ही सिटिंग एमएलए हैं। राजनैतिक विश्लेषक इसे जेडीयू की दबाव की राजनीति बता रही है।

इन सीटों पर उतरे जेडीयू के प्रत्याशी

जनता दल यूनाइटेड ने अभी जिन 5 उम्मीदवारों का ऐलान किया है उनमें शिवपुरी की पिछोर सीट से चंद्रपाल यादव, कटनी की विजयराघौगढ़ से शिव नारायण सोनी, छतरपुर की राजनगर सीट से रामकुंवर रैकवार, झाबुआ के थांदला से तोल सिंह भूरिया और पेटलावद से रामेश्वर सिंघार को चुनाव मैदान में उतारा है। उधर समाजवादी पार्टी 6 सीटों पर फोकस कर रही है जबकि 45 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। वहीं आमआदमी पार्टी भी विंध्य क्षेत्र में फोकस कर रही है, इंडिया गठबंधन की घटक दल होते हुए भी उसने अनेक सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं।

इंडिया गठबंधन पर क्या पड़ेगा असर

राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बनाया गया है। जिस कारण विधानसभा चुनाव से इस गठबंधन की मजबूती पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। लेकिन यह बात भी सही है कि इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने जहां-जहां प्रत्याशी उतारे हैं, वे नुकसान सिर्फ कांग्रेस को ही पहुंचाएंगे। वहीं कांग्रेस के सीट शेयर न करने की रणनीति उसे लोकसभा चुनाव के दौरान सीट शेयरिंग में डाउन कर सकती है।

भड़़क गए थे अखिलेश यादव

कांग्रेस के इस रवैए से समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पहले ही भड़क चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हमें 6 सीटें छोड़ने का आश्वासन दिया गया था लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। अखिलेश ने कांग्रेस नेताओं के लिए चिरकुट शब्द का भी प्रयोग कर डाला था। उन्होंने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी तक करार दे डाला। उधर दिग्विजय सिंह ने डैमेज कंट्रोल करते हुए सफाई दी कि समाजवादी पार्टी 6 सीटें मांग रही थी और हम 4 सीटें देने राजी थे। इसकी रिपोर्ट भी मैंने कमलनाथ को भेजी थी। अब कमलनाथ से किसने क्या कहा? यह मैं नहीं बता सकता।







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