इंदौर में शुक्ला ने विजयवर्गीय को बताया 'घमंडी रावण', बोले- रावण का नहीं चला तो कैलाशजी का क्या चलेगा, कैलाश बोले- संजय बच्चा है

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर में शुक्ला ने विजयवर्गीय को बताया 'घमंडी रावण', बोले- रावण का नहीं चला तो कैलाशजी का क्या चलेगा, कैलाश बोले- संजय बच्चा है

INDORE. इंदौर क्र. 1 से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के 'हाथ कैसे जोड़ेंगे' वाले बयान पर कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने पलटवार किया है। उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय की तुलना रावण से करते हुए कहा कि इतना घमंड अच्छा नहीं। इसके जवाब में विजयवर्गीय ने भी दिया। उन्होंने शुक्ला को बच्चा कहते हुए कहा कि वो गंभीर व्यक्ति नहीं है। पूर्व में कांग्रेस के विधायक सज्जन सिंह वर्मा भी कैलाश विजयवर्गीय की तुलना रावण से कर चुके हैं।

5 साल में वो काम किया जो आज तक किसी ने नहीं किया

सोमवार को कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि बीजेपी ने मेरे सामने देश के नंबर-1 नेता को क्यों उतारा है, क्योंकि मैंने 5 साल में वो काम करके दिखाया जो आज तक किसी विधायक ने नहीं किया है। दुख हो या सुख हो हर चीज में साथ दिया। कोरोनाकाल में मरने से नहीं डरा। आज में जो सेवा कर रहा हूं जनता देख रही है। मैं कभी नहीं डरता। वो बड़े लोग हैं, बड़ी बातें करते हैं। वो कहते हैं किसी के हाथ-पांव नहीं पड़ना। मैं छोटा हूं, मैं हमेशा पैर पड़ना चाहूंगा। क्योंकि जिंदगी में मां-बाप और बुजुर्गों का आशीर्वाद हमेशा लेना चाहिए। रावण का घमंड नहीं चला तो हमारे कैलाशजी का घमंड भी नहीं चलेगा।

उन्हें लगता है 1 नंबर सीट हलवा है

संजय शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उनके नेताओं को हेलिकॉप्टर की तरह जनता उड़ा देगी। 1 नंबर में वो लड़ने आए हैं। उन्हें लग रहा है कि हलवा है। यहां संजय शुक्ला ने कुछ नहीं किया। 1 लाख से जीत का दावा वो जो कर रहे हैं। 1 लाख वोट से जनता मुझे जीताएगी, क्योंकि मैं यहां की जनता का नेता नहीं हूं। उनका बेटा हूं।

बच्चों की बात का जवाब नहीं देना

संजय शुक्ला के बयान के जवाब में इंदौर-1 से बीजेपी उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि बच्चों की बात का जवाब नहीं देना, वह कुछ भी बोलते हैं। वह गंभीर व्यक्ति नहीं है।

बड़े नेता वाली बात बड़ा गणपति की सभा में कही थी

कैलाश विजयवर्गीय ने मंच से कहा कि सच कह रहा हूं। मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा ही नहीं थी। एक माइंड सेट होता है न लड़ने का, मुझे अभी भी विश्वास नहीं है कि मुझे टिकट मिल गया और मैं उम्मीदवार बन गया। अब हम बड़े नेता हो गए है अब जाना भाषण देना और निकल जाना। यह सोचा था हमने अब हाथ जोड़ने कहां जाएं? हमने तो प्लान बनाया था कि रोज आठ सभा करना है। पांच हेलिकॉप्टर से और तीन कार से। सभा करना है पूरे चुनाव में… विधानसभा एक का चुनाव एक-एक कार्यकर्ता को लड़ना है।



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