मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने मौजूदा कार्यकाल में कई राजनीतिक संकटों का सामना किया और इन संकटों में जिन विधायकों ने कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दिया गहलोत लगभग उन सभी विधायकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। कांग्रेस की रविवार, 22 अक्टूबर को जारी 43 प्रत्याशियों की दूसरी सूची इस बात की तस्दीक करती है कि गहलोत अपने विश्वास को एक बार फिर मौका देने के लिए पार्टी आला कमान को राजी करने में सफल रहे हैं। पार्टी के दूसरी सूची पूरी तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सूची कही जा सकती है। हालांकि, इस सूची में उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहे सचिन पायलट के कुछ समर्थकों के नाम हैं। शनिवार और रविवार को मिलाकर कांग्रेस ने अब तक कुल 76 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
2018 में 13 निर्दलीय विधायक जीते
राजस्थान में जब 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी तब 13 निर्दलीय विधायक विधानसभा में पहुंचे थे और इन 13 में से 10 ऐसे थे जो पूर्व कांग्रेसी रह चुके हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल रहा था, इसलिए वे निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को हराकर विधानसभा में पहुंचे। इन सभी ने जुलाई 2020 के राजनीतिक संकट और उसके बाद सरकार के विश्वास मत, राज्यसभा चुनाव और जब भी गहलोत को जरूरत पड़ी हमेशा उनके साथ खड़े नजर आए। नवंबर 2021 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में गहलोत इनमें से कइयों को मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया और इसकी टीस उन्हें हमेशा रही।
गहलोत ने 6 निर्दलीय विधायकों का दिलाया पार्टी से टिकट
आगामी विधानसभा चुनाव में इन निर्दलीयों को टिकट मिलेगा या नहीं इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी क्योंकि यह पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को हराकर विधायक बने थे, इसलिए ना सिर्फ सचिन पायलट का खेमा बल्कि पार्टी के कई कार्यकर्ता भी इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन गहलोत पार्टी आला कमान को इस बात के लिए मनाने में कामयाब रहे कि जिन लोगों ने इतने बड़े संकट के समय भी सरकार नहीं गिरने दी उन्हें पार्टी को मौका देना चाहिए। वे इस सूची में पांच निर्दलीय विधायकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। एक निर्दलीय विधायक को शनिवार की सूची में टिकट मिल गया था। इस तरह छह निर्दलीय विधायक एडजास्ट हो गए हैं।
सिटिंग-गेटिंग का फार्मूला चला
कांग्रेस की दूसरी सूची में 15 मंत्री, 14 विधायक और चार पूर्व प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है। इस सूची में विधायक साफिया जुबेर के पति जुबेर खान और पिछली बार चुनाव हारे पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के बीमार होने के चलते उनकी पत्नी सुशीला डूडी को मौका दिया गया है और दो पूर्व प्रत्याशियों के टिकट काटे गए हैं।
7 जगह टिकट बदले गए
इस सूची में केवल 7 नाम ऐसे कहे जा सकते हैं, जहां टिकट बदले गए हैं, लेकिन इनमें भी पांच निर्दलीय विधायकों के टिकट पहले से पक्के माने जा रहे थे। पार्टी ने सोजत विधानसभा और सूरतगढ़ विधानसभा में चेहरों में बदलाव किया है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की दूसरी सूची में 16 मंत्रियों के नाम शामिल हैं। इससे पहले स्पीकर और मुख्यमंत्री समेत 6 मंत्रियों के नाम पहली सूची में आ चुके हैं। अब केवल 8 मंत्री बचे हैं, जिनके टिकट बाकी हैं।
सूची में 15 मंत्री, अब तक 21 रिपीट
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिलाकर कुल 30 मंत्री हैं। शनिवार को 6 मंत्रियों को टिकट मिल चुका है और रविवार की सूची में 15 और को रिपीट किया गया है इस तरह अब तक 22 मंत्री रिपीट हो चुके हैं। गहलोत उन मंत्रियों को भी टिकट दिलाने में सफल रहे हैं जिनके नाम पर संकट माना जा रहा था जैसे सुखराम बिश्नोई का टिकट काटने की संभावना है बताई जा रही थी। इसी तरह प्रमोद जैन भाया के खिलाफ खुद सरकार के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर भ्रष्टाचार के खुले आरोप लगा रहे थे। सरकार के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की सीट से अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा टिकट चाह रहे थे, लेकिन सूची में तीनों के नाम है।
इन मंत्रियों को दिया टिकट
- खाजूवाला से गोविंदराम मेघवाल
- बीकानेर वेस्ट से डॉक्टर बीडी कल्ला
- झुंझुनू से विजेंद्र सिंह ओला
- कोटपूतली से राजेंद्र सिंह यादव
- सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास
- बानसूर से शकुंतला रावत
- डीग- कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह
- वैर से भजनलाल जाटव
- दौसा से मुरारी लाल मीणा
- लालसोट से परसादी लाल मीणा
- नावां से महेंद्र चौधरी
- सांचौर से सुखराम बिश्नोई
- बांसवाड़ा से अर्जुन सिंह बामनिया
- निम्बाहेड़ा से उदयलाल आंजना
- मांडल से रामलाल जाट
- अंता से प्रमोद जैन भाया
इनके अलावा विधानसभा में उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी को भी फिर से टिकट दिया गया है।
इन विधायकों का टिकट हुआ रिपीट
कांग्रेस पार्टी ने अपने 14 सिटिंग विधायकों को टिकट दिए हैं। इनमें किशनपोल से अमीन कागजी, आदर्श नगर से रफीक खान, सादुलशहर से जगदीश चंद्र जांगिड़, करणपुर से गुरमीत सिंह कुन्नर, हनुमानगढ़ से विनोद कुमार चौधरी को टिकट दिया है। इसी प्रकार सरदारशहर से अनिल कुमार शर्मा, नवलगढ़ से राजकुमार शर्मा, फतेहपुर से हाकम अली, नीमकाथाना से सुरेश मोदी, राजाखेड़ा से रोहित बोहरा, खंडार से अशोक बैरवा, केकड़ी से रघु शर्मा, बाड़मेर से मेवाराम जैन और खेरवाड़ा से दयाराम परमार को टिकट दिया है।
पांच निर्दलीय अब कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेस पार्टी को जिन निर्दलीयों ने अपना पूरा समर्थन दिया था, उनमें से पांच निर्दलीयों को पार्टी ने कांग्रेस का टिकट दे दिया है। इनमें से बाबूलाल नागर, खुशवीर सिंह और संयम लोढ़ा पहले भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन लगातार दो चुनाव हारने के चलते साल 2018 में उनकी टिकट काटी गई थी। पार्टी ने दूदू से बाबूलाल नागर, बस्सी से लक्ष्मण मीणा, महुआ से ओम प्रकाश हुड़ला, मारवाड़ जंक्शन से खुशवीर सिंह व सिरोही से संयम लोढ़ा को टिकट दिया है।
परिवार में अदला-बदली
सूची में दो नाम ऐसे भी हैं जिसमें पति की जगह पत्नी और पत्नी की जगह पति को टिकट दिया गया है। इसमें रामगढ़ से जुबेर खान को और नोखा से सुशीला डूडी को टिकट दिया है। रामगढ़ से वर्तमान में जुबेर खान की पत्नी साफिया जुबेर विधायक हैं। जुबेर खान लगातार दो चुनाव हारे थे, इसके चलते पिछले चुनाव में उनकी जगह उनकी पत्नी साफिया को टिकट दिया गया था। इसी तरह पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के बीमार होने के चलते पार्टी ने उनकी पत्नी सुशीला डूडी को टिकट दिया गया है।
नहीं चला दो बार हारने वालों को टिकट नहीं देने का फार्मूला
कांग्रेस पार्टी ने चार ऐसे टिकट रिपीट किए हैं, जहां कांग्रेस के प्रत्याशी बीते दो चुनाव हार चुके हैं। इसके तहत पार्टी ने पुष्कर से नसीम अख्तर इंसाफ, मावली से पुष्कर लाल डांगी, सलूंबर से रघुवीर सिंह मीणा, घाटोल से नानालाल निमामा को टिकट दिया है। कांग्रेस की सूची में दो विधानसभा सीट सोजत और सूरतगढ़ से चेहरे में बदलाव किया गया है। यहां नए चेहरों को मौका मिला है। पार्टी ने सोजत से पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य व सूरतगढ़ सीट से डूंगर राम गेदर को टिकट दिया है।
पायलट खेमे के भी हैं नाम
सूची में हालांकि जिन पांच निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतर गया है। उन सीटों पर पिछली बार पायलट खेमें के लोगों को टिकट मिला था और इस बार उनके नाम काट दिए गए है, लेकिन पायलट खेमे के माने जाने वाले दो मंत्रियों मुरारी लाल मीणा और बृजेंद्र ओला को इस सूची में जगह मिल गई है। इनके अलावा नसीम अख्तर इंसाफ को भी टिकट मिला है। उन्हें जिस पुष्कर सीट से टिकट दिया गया है वहां से गहलोत के बेहद खास माने जाने वाले राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर दावेदारी कर रहे थे। लेकिन उनकी जगह नसीम अख्तर इंसाफ को टिकट दिया गया है।
धारीवाल और महेश जोशी का नाम इस सूची में भी नहीं
पिछले साल 25 सितंबर को पार्टी आलाकमान के खिलाफ जाकर विधायक दल की समानांतर बैठक का नेतृत्व करने वाले स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और जलदाय मंत्री महेश जोशी का नाम इस दूसरी सूची में भी नहीं है। इन दोनों को पार्टी की ओर से कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था और दोनों ही अशोक गहलोत के सबसे विश्वास लोगों में गिने जाते हैं। दूसरी सूची में भी उनका नाम नहीं होने से क्या माना जा रहा है कि पार्टी आला कमान इन्हें लेकर सख्त रुख अपना सकता है।
अब तक 6 प्रतिशत मुस्लिम प्रत्याशी उतारे
कांग्रेस ने अब तक जारी दो सूचियों में कुल 76 प्रत्याशियों में से 6 मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा है। इनमें सवाई माधोपुर से दानिश अबरार, फतेहपुर हाकम अली, किशनपोल से अमीन कागजी, आदर्श नगर से रफीक खान, पुष्कर से नसीम अख्तर इंसाफ, रामगढ़ से जुबेर खान का नाम शामिल है।