इंदौर के यशवंत क्लब सचिव का जवाब अंग्रेजी में, याचिकाकर्ता ने हिंदी में मांगा, दो दिन का समय दिया, सदस्यता रूकी रहेगी

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Chandresh Sharma
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इंदौर के यशवंत क्लब सचिव का जवाब अंग्रेजी में, याचिकाकर्ता ने हिंदी में मांगा, दो दिन का समय दिया, सदस्यता रूकी रहेगी

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के यशवंत क्लब में स्पेशल कैटेगरी में नई सदस्यता देने पर रोक जारी रहेगी। क्लब सचिव संजय गोरानी के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान फर्म्स एंड सोसायटी को अपना 20 पन्नों का लिखित जवाब दिया था और इसके बाद सुनवाई की तारीख चुनाव के बाद हो गई थी। जब यह सुनवाई हुई तो इसमें याचिकाकर्ता बलमीत सिंह छाबड़ा ने आपत्ति लेते हुए कहा कि यह जवाब अंग्रेजी में हैं, इसका हिंदी में दिया जाए। इसके बाद असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने सचिव गोरानी को दो दिन में हिंदी में जवाब देने के लिए कहा। यानि अभी सदस्यता पर रोक जारी रहेगी।

वो तो अंग्रेजी में मेल कर रहे हैं फिर हिंदी में क्यों?

हालांकि गोरानी द्वारा यह आपत्ति ली गई कि याचिकाकर्ता तो लगातार अंग्रेजी में क्लब को ईमेल कर रहे हैं, फिर उन्हें हिंदी में जवाब क्यों चाहिए? लेकिन फर्म्स एंड सोसायटी ने याचिकाकर्ता का जवाब मान लिया और हिंदी में जवाब कॉपी देने के निर्देश दिए, तब तक यथास्थिति बनी रहेगी।

जवाब में याचिकाकर्ता के लिए अपशब्द का उपयोग कर चुके गोरानी

क्लब सचिव संजय गोरानी ने जो अंग्रेजी में जवाब दिया है। इसमें बिंदु 7 में लिखा है कि- कुछ असामाजिक तत्वों और बदमाशों ने मिलकर हमार क्लब के खिलाफ साजिश रची है। क्लब के कामकाज को बाधित करने के लिए और दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए यह याचिका लगी है। यह याचिका असंतुष्ट सदस्य द्वारा उपद्रव पैदा करने और मुद्दे को सनसनीखेज बनाने के लिए दुर्भावनापूर्ण चाल है।

लंबे-चौड़े जवाब में माना हमने सदस्यता होल्ड कर दी

याचिकाकर्ता ने पूरे क्लब मैनेजिंग कमेटी के साथ क्लब के हर पदाधिकारी को भी व्यक्तिगत पार्टी बनाया था लेकिन जवाब केवल गोरानी नहीं सभी की ओर से हुआ। जवाब में यह कबूला है कि सदस्यता प्रक्रिया को होल्ड कर दिया है लेकिन यह नहीं बताया कि संविधान संशोधन होने से पहले कैसे फार्म वितरित कर 15-15 हजार रुपए में बेच दिए, जबकि यह कहा कि राशि ली है, उसे अलग मद में लिया है वह उपयोग में नहीं ला रहे हैं। सचिव ने यह नहीं बताया कि आखिर प्राथमिकता क्रम किस तरह हुआ कि पहले कौन सदस्य बनेगा और फिर आखरी में कौन बनेगा? जो सूची में निचले पायदान पर है उसे तो चार साल लगेंगे सदस्य बनने में तो प्राथमिकता तय करना यह बड़ा बिंदु है। इस पर कोई जवाब नहीं है। सचिव ने यह कहा कि सदस्यता आवेदन की जांच करना कि उन पर क्या सिविल, आपराधिक केस है, यह जिम्मेदारी हमारी नहीं हम कोई ज्यूडिशियल बॉडी नहीं है। फिर दस फार्म कैसे रिजेक्ट हुए इसका आधार क्या रहा? इसका भी जवाब सचिव ने नहीं दिया।

फर्म्स एंड सोसायटी आदेश पर भी की टिप्पणियां

गोरानी ने अपने दिए जवाब में फर्म्स एंड सोसायटी द्वारा यथास्थिति रखने संबंधी 27 अक्टूबर के आदेश को लेकर भी विपरीत टिप्पणियां की है। उन्होंने कहा कि हमने सभी काम प्रक्रिया से किए हैं। एजीएम और ईओजीए में लिए फैसले पर काम हो रहे हैं, ऐसे में फर्म्स एंड सोसायटी को इसे रोकने का कोई अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ता की अपील पर एकतरफा फैसला लिया गया है। सोसायटी ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर फैसला लिया है।

MP News एमपी न्यूज Case of membership of Yashwant Club Secretary presented reply petitioner said two copies in Hindi यशवंत क्लब की सदस्यता का मामला सचिव ने पेश किया जवाब याचिकाकर्ता बोला हिंदी में दो कॉपी