इंदौर में संघ के पूर्व प्रचारकों की जनहित पार्टी की बैठक, प्रत्याशी ढूंढने में जुटे, विधानसभा चुनाव में उतारेंगे, बोले- राजनीति में आए तो लोकसभा भी लड़ेंगे

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BP Shrivastava
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 इंदौर में संघ के पूर्व प्रचारकों की जनहित पार्टी की बैठक, प्रत्याशी ढूंढने में जुटे, विधानसभा चुनाव में उतारेंगे, बोले- राजनीति में आए तो लोकसभा भी लड़ेंगे

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में संघ के पूर्व प्रचारकों द्वारा दस सितंबर को भोपाल में गठित की गई जनहित पार्टी की दूसरी बैठक रविवार, 17 सितंबर को इंदौर में हुई। इसमें इंदौर और उज्जैन संभाग से सदस्य शामिल हुए। पार्टी अब अधिक से अधिक सदस्यों को अपने साथ जोड़ने में जुट गई है और खासकर मिशन है कि विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी ढूंढे जाएं और मैदान में उतारा जाए। यही नहीं पार्टी लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी को फिलहाल चुनाव आयोग से मंजूरी और चुनाव चिन्ह मिलने में देरी की संभावना है, इसलिए पार्टी के प्रत्याशी निर्दलीय के तौर पर उतरेंगे। पार्टी की बैठक खजराना स्थित पाटीदार धर्मशाला में हुई। बैठक में पार्टी के फाउंडर अभय जैन के साथ ही मनीष काले, विशाल बिंदल, डॉ. सुभाष बरोड व अन्य उपस्थित थे।

बैठक में यह बोले प्रचारक

पार्टी की बैठक में पूर्व प्रचारक अभय जैन ने कहा कि आज लोग स्वच्छ राजनीति की ओर देख रहे हैं और नेता जनता से जुड़े मुद्दे उठाने भूल गए हैं। बीजेपी की ही बात करें तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महान विचारकों के विचार अब बीजेपी में नजर नहीं आते, हम पंडित उपाध्याय जी की विचारधारा का पूरी तरह पालन करेंगे। हम राजनीति के बिगड़े कल्चर को सुधारने के पर काम करेंगे। हमारा मुद्दा शिक्षा, स्वास्थ्य, दंडनीति, अर्थव्यवस्था और जिम्मेदार कार्यपालिका का होगा। जैन और बरोड़ ने द सूत्र से कहा, जहां प्रत्याशी मिलेंगे मैदान में उतारेंगे।

पंजीयन हुआ तो दल के रूप में नहीं तो निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

बैठक का उद्देश्य अधिक से अधिक सदस्य बनाना है। चाहे मालवा-निमाड़ के इंदौर-उज्जैन संभाग हो या रीवा, चंबल जैसे रीजन सभी जगह काम करेंगे और जहां भी अच्छे, सक्षम प्रत्याशी मिलेंगे, चुनाव में उतारेंगे। पंजीयन होगा तो दल के रूप में नहीं तो निर्दलीय के रूप में लड़ेंगे। हम राजनीति में कुछ नया दे सकें इसके लिए आए हैं। बीजेपी पार्टी के नाराज कार्यकर्ता, नेता, अभी हमारे संपर्क में नहीं आए हैं। संघ से दरकिनार होने के चलते यह पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि इस तरह की बातों पर जवाब देने के लिए कुछ नहीं है। किसी से नाराज होकर राजनीति में आने की बात नहीं है, बात केवल बीजेपे की नहीं है, पूरी राजनीति और दलों में ही बिगाड़ आ चुका है। हमारा एजेंडा गवर्नेंस में सुधार और राजनीति कल्चर को साफ-सुथरा करना ही उद्देश्य है।

डॉ. सुभाष बरोड़ ने यह कहा

हमारे मुद्दे चुनाव में जनता के बीच लेकर जाएंगे, मप्र ही नहीं हमारे साथ यूपी, हरियाणा, बिहार सभी जगह से हमें प्रतिक्रिया मिल रही है और राजनीति में सुधार चाहते हैं। हमारी जहां क्षमता होगी और अच्छे उम्मीदवार मिलेंगे, वहां चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के टिकट कटने पर उन्होंने कहा कि उनका वोट बैंक तो तय है, लेकिन फिर भी बीता चुनाव मप्र में हारे थे, उनसे जो नाराज हैं और जो कांग्रेस में नहीं जाना चाहते हैं। वह हमारे साथ आएंगे, वोट देंगे। आज भी बैठक में बीजेपी के कई कार्यकर्ता आए हुए हैं। हम लोग सालों से सभी के संपर्क में हैं, तो सभी से समर्थन मिला है। साल 2007 तक हमने संघ में काम किया है उनकी अपनी मर्यादा और सीमा है, हमें उससे बाहर काम करना था, इसलिए हम संघ से दायित्व मुक्त हो गए, संघ में रहकर यह काम नहीं कर सकते थे। जब पार्टी बनाई है तो विधानसभा और लोकसभा सभी तरह के चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी की विचारधार अच्छी है, उसमें दिक्कत नहीं है, लेकिन बीजेपी की जो अभी कार्यशैली है वह कांग्रेस से अलग नहीं है। मतभेद कार्यशैली से है, विचारधारा से नहीं है, इसलिए बीजेपी के कार्यकर्ताओं में नराजगी आज इसी पर है।

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