मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए हालांकि कांग्रेस और भाजपा में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया लगभग अंतिम दौर में है लेकिन इस बीच ज्यादा से ज्यादा सीट और प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के लिए जाट समाज की ओर से 28 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण बैठक की जा रही है। वैसे तो यह राजस्थान जाट महासभा के नए पदाधिकारी का शपथ ग्रहण समारोह है लेकिन इसी दिन समाज की एक बैठक भी रखी गई है। बैठक में समाज की ओर से कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर फैसले लिए जाने के बात सामने आ रही है।
राजनैतिक दलों की रुख की करेंगे समीक्षा
राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने बताया हैं कि इस बैठक में समाज की ओर से इस वर्ष मार्च अप्रैल में किए गए सम्मेलन में राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने को लेकर जो मांग उठाई गई थी उस पर राजनीतिक दलों के रुख की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा राजस्थान लोक सेवा आयोग में हाल ही में सदस्य के रूप में कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति के बारे में निंदा प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। गौरतलब है कि इस नियुक्ति को लेकर काफी विवाद हो चुका है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत श्रम इस मामले में अपनी गलती स्वीकार कर चुके हैं।
सबसे बड़ा वोटबैंक जाटों का
बता दें कि राजस्थान में जाट समुदाय सबसे बड़े वोट बैंक में शामिल है और उत्तर पश्चिमी राजस्थान तथा पूर्वी राजस्थान की लगभग 60 से 70 सीटों को प्रभावित करता है। यही कारण है कि राजनीतिक दलों द्वारा सबसे ज्यादा सीटें भी इसी समुदाय के लोगों को दी जाती है। इस बार जाट समाज ने 40 सीटें देने की मांग उठाते हुए कहा है कि जो दल उनके वाजिब प्रतिनिधित्व देगा, वे उसी को समर्थन देंगे।
इन विषयों पर भी होगा विचार
अग्निवीर योजना को निरस्त करवाने हेतु भावी रणनीति पर विचार विमर्श करना। जातिगत जनगणना एवं संख्या अनुरूप आरक्षण की मांग को तेज करने हेतु आंदोलन की रूप-रेखा बनाना। सर्वाेच्च एवं उच्च न्यायालय में रुैब्, रुैज्, रुव्ठब् आरक्षित वर्ग के समुचित प्रतिनिधित्व हेतु मंथन करना। भरतपुर, धौलपुर एवं अन्य राज्यों में जाट समाज को केन्द्र की सेवाओं में आरक्षण के मुद्दे पर 20 नवम्बर 2023 को दिल्ली में होने वाले अधिवेशन की तैयारियों के लिए विचार-विमर्श कर कार्ययोजना बनाना। सामाजिक कुरीतियां निवारण एवं शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए समाज को जागरूक करने हेतु विचार मंथन करना। राजस्थान जाट महासभा के नव मनोनीत पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण।