संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर नगर निगम की आयुक्त आईएएस हर्षिका सिंह की कार के बाहर तंत्र-मंत्र के नींबू फैंकने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में आरोपी महापौर के ओएसडी और सिटी मिशन मैनेजर निकिल कुलमी ने दो अपर आयुक्त डॉ. अभय राजनगांवकर और मनोज वर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र भेजा है।
कुलमी ने यह गंभीर आरोप लगाए
कुलमी ने पत्र में लिखा है कि अपर आयुक्य राजनगांवकर ने भिक्षुक मामले के भुगतान के लिए मुझ पर दबाव बनाया, जबकि मैंने उन्हें बता दिया था कि इसमें केंद्र, राज्य, जनप्रतिनिधियों की शिकायतों की जांच हो रही है। इसके अलावा अन्य छोटे प्रोजेक्ट के भुगतान के लिए दबाव बनाया जाता रहा है। इसी तरह रेसक्यों प्रोजेक्ट में मेरे द्वारा अपर आयुक्त मनोज वर्मा को नोटशीट पर पूर्व में हुए वित्तीय अनियमितताओं का उल्लेख दर्ज किया था। इसके लिए भी मुझे प्रताड़ित किया गया।
दोनों ने मुझे कमरे में बंद किया, मारपीट की
कुलमी ने कहा कि 16 अक्टूबर को मैं आयुक्त मैडम को यह सारी बातें बताने के लिए गया था, लेकिन वहां यह सभी उपस्थित थे, इसलिए लौट गया। बाद में मुझे इन्होंने सिटी ऑफिस बुलाकर बंद कमरे में डराया धमकाया गया था मेरा मोबाइल छीन लिया गया और आरोप लगाया कि मैं जादू-टोना करता हूं। उपस्थित सुरक्षाकर्मियों ने मुझे ऊपर ले जाकर बंद कमरे में मारापीटा की और दोनों अपर आयुक्त ऊपर आए और उन्होंने भी मारपीट की और निरंतर दबाव बनाते रहे। मुझे रात में कमरे में नजर बंद कर दिया तथा रात्रि में उपस्थित जनों के सामने फिर दबाव बनाया गया।
मैं व्रत के लिए नींबू रखता हूं
कुलमी ने यह भी पत्र में लिखा कि उनके व्रत चल रहे हैं, स्वास्थ्य खराब होता है इसलिए नींबू पानी के लिए नींबू गाड़ी में रखता हूं। मैं पूरी निष्ठा से काम कर रहा हूं। मैं तो आयुक्त महोदय को सब बताने के लिए आया था, लेकिन उन्होंने आयुक्त को भी दिग्भ्रमित कर दिया। मुझे निष्ठा के चलते सीएम स्तर पर भी पुरस्कार मिला है। इस घटना के बाद मैं बहुत डरा हुआ हूं, कृपया इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए। मुझे निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है और संविदा खत्म कर नौकरी लेने का डर दिखाया जाता है।
यह है मामला
नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह ने संयोगितागंज थाने में शिकायत देकर जांच कर मांग की थी कि सिटी बस ऑफिस में मेरी कार के सामने ओएसडी निखिल कुलमी द्वारा संदेहास्पद कृत्य किया गया। कुलमी ने 16 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे करीब एआईसीटीएसएल के गीता भवन स्थित दफ्तर में निगमायुक्त की कार के पास नींबू फैंका जो संदेहास्पद है। यह सीसीटीवी में भी नजर आया है। इस घटना के बाद कुलमी को ओएसडी पद से भी हटा दिया गया और अन्यत्र अटैच कर दिय गया। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाए कि निगमायुक्त द्वारा कमीशनखोरी पर रोक लगा दी गई है इसलिए बीजेपी की निगम परिषद इस तरह के कृत्य कर रही है, लेकिन कुलमी के पत्र के बाद फिर अधिकारी एक बार घेरे में आ गए हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस पूरी घटना की निंदा की है और निष्पक्ष जांच होने की बात कही है।