DANTEWADA. दंतेवाड़ा जिले में भूस्खलन के कारण केके लाइन यानी किरंदुल-कोत्तवालसा रेललाइन एक बार फिर बंद हो गया है। हालांकि इस बार ज्यादा मलबा पटरियों पर नहीं गिरा है, लेकिन एहतियात के तौर पर फिर से मालगाड़ियों व यात्री ट्रेनों को रोक दिया गया है। बता दें कि 24 सितंबर को हुए मानाबार और जड़ती स्टेशनों के बीच भूस्खलन के बाद जहां रेललाइन बहाल करने में 17 दिनों का समय लग गया था। इसके बाद फिर हुए भूस्खलन से दोबारा ट्रेनों पर ब्रेक लग गया है। पहले ही यात्री ट्रेनों को चलाने पर फिलहाल रोक लगाई गई थी, वहीं अब ये रोक आगे बढ़ा दी गई है। इन हालातों में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बस्तर के लोगों को विशाखापट्टनम सहित उत्तर भारत जाने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मानाबार-जड़ती स्टेशनों के बीच भूस्खलन का स्थायी समाधान वाल्टेयर रेलमंडल को नहीं मिल पा रहा है। हालांकि पूर्व में लखनऊ व पुणे के विशेषज्ञों की निगरानी में यहां मलबा हटाया गया और मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू की गई, लेकिन यात्री ट्रेनों पर ब्रेक जारी रखा गया। इसके बाद रविवार को फिर हुए भूस्खलन से एक बार फिर रेल यातायात ठप हो गया है। इस बार हालांकि काफी कम मात्रा में मलबा गिरा है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं मिल पाने के कारण वाल्टेयर रेलमंडल के साथ ही आम लोगों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इन ट्रेनों का कोई विकल्प नहीं
वहीं, दूसरी ओर, जगदलपुर को उत्तर भारत से जोड़ने वाली भुवनेश्वर-जगदलपुर हीराखंड एक्सप्रेस, राउरकेला-जगदलपुर एक्सप्रेस व हावड़ा-जगदलपुर समलेश्वरी एक्सप्रेस का कोई भी विकल्प लोगों के पास नहीं है। ऐसे में इन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को निराशा हो रही है। दरअसल हीराखंड एक्सप्रेस व राउरकेला एक्सप्रेस के जरिए लोग बिहार-झारखंड तक आसानी से पहुंच जाते हैं, लेकिन ये ट्रेन बंद होने से लोगों को रायपुर से ट्रेन पकड़नी पड़ रही है। इन हालातों में जगदलपुर से रायपुर तक बस से सफर करने की जद्दोजहद भी उन्हें उठानी पड़ रही है।