BHOPAL. आबकारी अधिकारी आलोक खरे पर गाज गिर सकती है। 4 साल पहले मारे गए छापे में आय से ज्यादा संपत्ति की पुष्टि होने के बाद लोकायुक्त ने राज्य सरकार से अभियोजन की मंजूरी मांगी है। लोकायुक्त के पत्र के बाद वाणिज्यिक कर विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने आलोक खरे की अभियोजन स्वीकृति देने के लिए आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव को पत्र लिखा है। अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद लोकायुक्त आलोक खरे के खिलाफ न्यायालय में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत चालान पेश कर सकेगी।
4 साल पहले 7 ठिकानों पर मारा था छापा
लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 4 साल पहले सहायक आबकारी आयुक्त आलोक कुमार खरे के 7 ठिकानों पर छापा डाला था। इनमें भोपाल में 2, इंदौर में 2, रायसेन में 2 और छतरपुर में एक जगह एक साथ छापेमारी की। लोकायुक्त ने ये कार्रवाई खरे के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति होने की शिकायत मिलने के बाद की थी। आलोक खरे सहायक आबकारी आयुक्त है, लेकिन आबकारी आयुक्त ने उन्हें रीवा जिला आबकारी आयुक्त का प्रभार सौंप रखा है।
100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के खुलासे की बात
छापे के बाद लोकायुक्त पुलिस ने प्रारंभिक जांच में करीब 100 करोड़ से ज्यादा की संपति का खुलासा होने की बात कही थी। इंदौर के पॉश इलाके में एक पैंट हाउस और एक बंगले का पता चला। यहां से 3 किलो सोना मिलने की भी खबर थी। इंदौर के जिस फ्लैट में आलोक खरे रहते थे, उस पर ताला था। लोकायुक्त की टीम ने ताले पर भी सील किया था।
खरे ने पत्नी के इनकम टैक्स रिटर्न में क्या बताया था ?
भोपाल के चूनाभट्टी और बाग मुगालिया में 2 बड़े बंगले और कोलार में फॉर्म हाउस की जमीन के दस्तावेज मिले थे। इसके अलावा रायसेन में 2 फॉर्म हाउस का भी खुलासा हुआ। खरे ने अपनी पत्नी के इनकम टैक्स रिटर्न में रायसेन में फलों की खेती से आय होना बताया था। ये फल दिल्ली में बेचना बताए जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों की जांच के बाद जिन ट्रकों से फल दिल्ली भेजना बताए गए हैं, उनके नंबरों की जांच करने के बाद वे ऑटो के नंबर निकले।