2005 के बाद से अब तक लगाए गए 30 लाख से ज्यादा पौधे गायब, वन विभाग की लापरवाही या भ्रष्टाचार, होगी रिकवरी

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Chandresh Sharma
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2005 के बाद से अब तक लगाए गए 30 लाख से ज्यादा पौधे गायब, वन विभाग की लापरवाही या भ्रष्टाचार, होगी रिकवरी

BHOPAL. वन विभाग ने वनों का क्षेत्रफल बढ़ाने विभिन्न योजनाओं के तहत साल दर साल प्रदेश में अपनी भूमि पर पौधारोपण कराया। यह पौधारोपण साल 2005-06 से जारी था। 17 हजार एकड़ के रकबे में किया गया यह प्लांटेशन विफल होता नजर आ रहा है। जबलपुर और सागर सर्किल समेत प्रदेश के 7 सर्किल की ताजा रिपोर्ट तो यही बयान कर रही है। हजारों एकड़ के विशाल रकबे में 30 लाख से ज्यादा पौधे लगाने का रिकॉर्ड दस्तावेजों में मौजूद है, लेकिन हकीकत के धरातल पर ये पौधे नजर ही नहीं आए। अब वन विभाग इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों से इसकी भरपाई करने की तैयारी में है।

इन योजनाओं के तहत हुआ था पौधारोपण

दरअसल वन विभाग ने मनरेगा, बैंबू मिशन, लघु वनोपज संघ, वर्किंग प्लान, पर्यावरण वानिकी जैसी 300 अलग-अलग स्कीम के तहत पौधारोपण कराया था। पौधों की देखरेख में 5 साल तक प्रति पौधे 70 रुपए के हिसाब से खर्चा भी कराया गया, लेकिन देखरेख के अभाव में हरियाली बढ़ने के सभी प्रयास मिट्टी में मिल गए।

जांच में हुआ खुलासा

दरअसल वन महकमे ने अपने सभी अधिकारियों से लगाए गए पौधों की जानकारी मांगी थी। अधिकारियों ने रिपोर्ट भेजी तो चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया। साल 2005 से अब तक 17 हजार 470 एकड़ रकबे में 30.31 लाख पौधे लगाए थे, जिसमें से कहीं भी 30 फीसदी से अधिक सर्वाइवल नहीं पाया गया। दरअसल जहां भी 30 फीसदी से अधिक पौधे जीवित बचते हैं, उस प्लांटेशन को सफल माना जाता है। शहडोल, बैतूल, जबलपुर, सागर, दमोह, ग्वालियर और सिवनी सर्किल की रिपोर्ट में 300 जगहों की हालत बदतर है।

अधिकारियों से होगी रिकवरी

बता दें कि वन विभाग में प्लांटेशन की निगरानी का काम प्रधान मुख्य वन संरक्षक मोहनलाल मीणा के पास है। प्लांटेशन का मुख्य काम कैंपा और विकास शाखा के जिम्मे रहता है। एपीसीसीएफ यू के सुबुद्धि ने कहा है कि यदि ऐसे असफल प्लांटेशन की रिपोर्ट है तो अधिकारियों से वसूली जरूर होगी। लापरवाही करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। उधर कैंपा के पीसीसीएफ एमएस धाकड़ ने कहा है कि इस बारे में निगरानी शाखा बता सकती है। हर चीज के लिए सर्कुलर है, उसी के अनुसार कार्रवाई होती है।

24 करोड़ रुपए पानी में गए

दरअसल वन विभाग प्रति पौधे पर 5 साल में 70 रुपए खर्च करता है। इस लिहजा से 30 लाख से ज्यादा पौधों पर 24 करोड़ रुपए खर्च हुए। इधर वन बल प्रमुख आर के गुप्ता ने कहा है कि सर्किल और डीएफओ से यह पूछा जाएगा कि प्लांटेशन असफल क्यों हुए। जिम्मेदारी तय होने के साथ ही रिकवरी की जाएगी। प्लांटेशन में यदि गड़बड़ी है तो पता लगाया जाएगा।





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