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JAIPUR. राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 19 प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी है। पिछली यानी दूसरी सूची में जहां सीएम अशोक गहलोत समर्थक विधायकों की संख्या ज्यादा थी वहीं इस तीसरी सूची में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समर्थक विधायक भी ठीक-ठाक संख्या में है। इस तीसरी सूची में एक तरह से गहलोत और पायलट ने अपने-अपने समर्थकों को एडजस्ट किया है। बसपा से जो विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे उन्हें अभी तक पार्टी ने मौका नहीं दिया था लेकिन इस तीसरी सूची में बसपा के 6 में से दो विधायक कांग्रेस का टिकट पाने में सफल रहे हैं।
BJP से आई शोभा रानी कुशवाहा को धौलपुर से टिकट
इस सूची में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले नेताओं को भी मौका दिया गया हैं। एक दिन पहले ही बीजेपी से कांग्रेस में आई शोभा रानी कुशवाहा को धौलपुर से टिकट मिल गया है यानी पिछली बार जिस सीट से उन्होंने बीजेपी के टिकट चुनाव लड़ा था अब उसी क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ेंगी।
अब तक 95 प्रत्याशी घोषित, 1 विधायक का कटा टिकट
पार्टी ने पहली सूची 33 प्रत्याशियों की जारी की थी दूसरी सूची में 43 प्रत्याशी थे और अब तीसरी सूची में 19 प्रत्याशी हैं इस तरह कुल मिलाकर अब तक 200 में से 95 प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। इस सूची में एक मंत्री और 11 विधायकों को जगह दी गई है। एक विधायक का टिकट काटा गया है।
जानिए किसको कहां से मिला टिकट
तारानगर विधानसभा सीट से नरेंद्र बुडानिया, रतनगढ़ से पूसाराम गोदारा, सूरजगढ़ से श्रवण कुमार, सीकर से राजेन्द्र पारीक, बगरू से गंगा देवी वर्मा, नगर से वाजिब अली, धौलपुर से शोभारानी कुशवाह, करौली से लखन सिंह मीणा, सपोटरा (एसटी) से रमेश चंद मीणा, बांदीकुई से गजराज खटाणा, गंगापुर से रामकेश मीणा, देवली उनियारा से हरीश चंद्र मीणा, मसूदा से राकेश पारीक, पचपदरा से मदन प्रजापत, रेवदर (एससी) से मोतीराम कोली, झालोद (एसटी) से हीरा लाल दरांगी, सहाड़ा से राजेन्द्र त्रिवेदी, केशोराय पाटन (एससी) से सीएल प्रेमी बैरवा और बारां-अटरू (एससी) से पानाचंद मेघवाल को टिकट मिला है।
ये मंत्री और विधायक को फिर मिला मौका
19 उम्मीदवारों में एक मंत्री और 11 विधायकों को रिपीट किया गया। सपोटरा से मंत्री रमेश मीणा रिपीट हुए है, वही 11 विधायकों में तारानगर से नरेंद्र बुडानिया, सीकर से राजेंद्र पारीक, बगरू से गंगा देवी, नगर से वाजिब अली, करौली से लाखन सिंह मीणा, बांदीकुई से गजराज खटाना, गंगापुर से रामकेश मीणा, देवली-उनियारा से हरीश चंद्र मीना, मसूदा से राकेश पारीक, पचपदरा से मदन प्रजापत, बारां-अटरू से पानाचंद मेघवाल फिर से मैदान में हैं। हालंकि इनमें से वाजिब अली, रामकेश मीणा और लखन सिंह मीणा पिछली बार कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं थे।
सहाड़ा से विधायक गायत्री त्रिवेदी का टिकट काटा
सहाड़ा से उपचुनाव में जीतीं गायत्री त्रिवेदी का टिकट काट दिया है। गायत्री त्रिवेदी की जगह उनके देवर राजेंद्र त्रिवेदी को प्रत्याशी बनाया गया है। धौलपुर से विधायक शोभारानी कुशवाह को टिकट दिया है। शोभारानी कुशवाह को राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस को वोट देने के कारण पार्टी से निकाल दिया था। वे बुधवार को ही पार्टी में शामिल हुई थीं।
दो सीटों पर पिछली बार के हारे बागियों को टिकट
दो सीटों पर पिछली बार के हारे हुए बागियों को टिकट दिया है। केशोराय पाटन से सीएल प्रेमी और रतनगढ़ से पूसाराम गोदारा 2018 के चुनावों में टिकट कटने पर बागी होकर लड़े थे, लेकिन हार गए थे। सूरजगढ़ सीट पर पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर हारे श्रवण कुमार को फिर मौका दिया है।
रेवदर से मोतीराम कोली नया चेहरा
मोतीराम कोली को रेवदर से नए चेहरे के तौर पर उतारा गया है। इस सीट पर पिछले चुनावों में नीरज डांगी को टिकट दिया था, बाद में नीरज डांगी राज्यसभा सांसद बन गए।
संकट के तीन साथियों को टिकट
सरकार पर आए राजनीतिक संकट के समय साथ देने वाले निर्दलीय और बसपा से आए विधायकों में से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब तक छह विधायकों को पार्टी का टिकट दिलवा चुके हैं। नई लिस्ट में तीन नाम और जुड़ गए। तीसरी लिस्ट में बसपा से कांग्रेस में आए नगर विधायक वाजिब अली और करौली से लाखन सिंह मीणा को टिकट दिया है। सरकार समर्थक निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा को गंगापुर से प्रत्याशी बनाया है। इस तरह 10 निर्दलीयों में से 7 और बसपा से आए 6 विधायकों में से दो कांग्रेस का टिकट पा चुके हैं।
धारीवाल और जोशी का नाम तीसरी सूची में भी नहीं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वैसे तो अपने हर समर्थक को एडजस्ट करवाने में अब तक सफल दिख रहे हैं, लेकिन अपने दो बेहद विश्वासपात्र मंत्रियों शांति धारीवाल और महेश जोशी के नाम अब तक फाइनल नहीं करवा पाए हैं। सामान्य परिस्थितियों होती तो यह दो वह नाम है जो पहली सूची में नजर आते लेकिन सीएम गहलोत के लिए ही इन्होंने पिछले साल 25 सितंबर को आला कमान को आंख दिखा दी थी और उसी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।