BHOPAL. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को फंडिंग से जुड़े मामले में बुधवार सुबह भोपाल में दो ठिकानों पर छापेमारी की। खानू गांव में एनआईए की दो अलग-अलग टीमों ने दो घरों में दबिश दी। वहीं राजस्थान के तीन शहरों कोटा, टोंक, गंगापुर में रेड डाली। NIA की टीमों ने सुरक्षा के लिहाज से स्थानीय पुलिस की भी मदद ली है। कथित आतंकी संगठन के आकाओं से संपर्क रखने वाले कुछ और पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी और आतंकी संगठन को सहयोग करने वालों को लेकर बीती देर रात से एनआईए मघ्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के 12 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
टेरर फंडिंग की हो रही जांच
एनआईए भोपाल, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर सहित कई अन्य स्थानों पर अलग-अलग छापेमारी कर दो दर्जन से अधिक पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। भोपाल, इंदौर में पीएफआई और उसके राजनीतिक विंग के कार्यालय सील किए जा चुके हैं। पीएफआई संगठन से जुड़े लोगों का टेरर फंडिंग में भी शामिल होने के पुख्ता सबूत एनआईए को मिले हैं। इसके बाद टेरर फंडिंग को लेकर जांच की जा रही है। कथित आतंकी संगठन के आकाओं से संपर्क रखने वाले कुछ और पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी और आतंकी संगठन को सहयोग करने वालों को लेकर बीती देर रात से एनआईए मघ्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के 12 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
भोपाल के खानू गांव पहुंची एनआईए की टीम
एनआईए टीम बुधवार सुबह भोपाल के खानू गांव पहुंची और यहां दो घरों में छापेमारी शुरू की। वह करीब एक साल पहले ही इस इलाके में रहने आया था। जांच एजेंसी को उसके पीएफआई से संपर्क के इनपुट मिले थे। यहां एक किराए के मकान में रह रहे मौलाना मुश्ताक खान (60 साल) को गुप्त स्थान पर लेकर गई और वहां करीब सात घंटे पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। एनआईए के अधिकारियों ने मौलाना के घर की सर्चिंग के बाद दस्तावेज और उपकरण भी जब्त किए हैं। एनआईए ने छापेमारी में मप्र एटीएस और स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि मौलाना इलाके के बच्चों को पढ़ाते हैं। बीच-बीच में कहीं आते-जाते भी हैं।
नीमच के कारोबारी दीपक सिंघल के ठिकानों पर छापे
केंद्रीय जांच एजेंसियों के इनपुट पर मध्यप्रदेश एटीएस और एनआईए की संयुक्त टीम ने बीती देर रात प्रदेश के नीमच निवासी कारोबारी दीपक सिंघल के ठिकानों पर छापा मारा है। दीपक सिंघल शैल कंपनियों के माध्यम से पैसों का हवाला किया और जीएसटी को भी करोड़ों का चूना लगा चुका है। जीएसटी भी उसके खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। मप्र एटीएस और एनआईए की टीम दीपक सिंघल से टेरर फंडिंग को लेकर पूछताछ कर रही है।
मध्यप्रदेश में जड़े जमाने की कोशिश में जुटा पीएफआई आतंकी संगठन और उसके राजनीतिक संगठन सहित अन्य सहयोगी संगठनों पर बीते एक साल में कई बार छापेमारी हो चुकी है। मप्र एटीएस ने प्रकरण दर्ज किया था। बाद में मामला अंतर्राज्जीय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने के कारण जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच अभिकरण (एनआईए) को सौंपा गया है।
राजस्थान के तीन शहरों में छापेमारी
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने बुधवार, 11 सितंबर को राजस्थान के तीन शहरों कोटा, टोंक, गंगापुर में रेड डाली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया साजिश मामले में NIA ने छापेमारी की है।
टोंक में बड़ा कुआ क्षेत्र में NIA की कार्रवाई
टोंक शहर में NIA की टीम ने बड़ा कुआ क्षेत्र में एक मकान पर छापेमारी की कार्रवाई की है। टीम ने संदिग्ध व्यक्ति और उसके परिवार से पूछताछ की है। हालांकि, टीम ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। करीब साढ़े तीन घंटे चली कार्रवाई व पूछताछ में संदिग्ध व्यक्ति और उसके परिवार से पूछताछ करके टीम वापस लौट गई है।
टोंक शहर के बड़ा कुआ क्षेत्र के एक व्यक्ति के देश में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े होने की खबर मिली थी। इसका इनपुट मिलने के बाद सुबह 5 बजे टीम कोतवाली थाने पहुंची। यहां से पुलिस अधिकारियों की टीम के साथ संदिग्ध व्यक्ति के मकान पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि एनआईए की टीम ने 45 साल के व्यक्ति से पीएफआई की फंडिंग को लेकर जानकारी जुटाई है।
बारां में भी टीम खंगाल रही है लैपटॉप और मोबाइल
एनआईए की टीम ने बारां में एक संदिग्ध के घर दबिश दी। टीम तड़के 4 बजे कोतवाली थाना क्षेत्र में कौसर कॉलोनी पहुंची और संदिग्ध से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि एनआईए की टीम ने संदिग्ध के घर से मोबाइल, लैपटॉप और कुछ दस्तावेज जब्त किए। फिर पूछताछ के लिए थाने लेकर आई और अब भी कार्रवाई जारी है।
फुलवारी शरीफ मामले से जुड़े हैं तार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीएफआई, उसके समर्थकों की हिंसक और देशी विरोधी गतिविधियों को लेकर पिछले साल एनआईए ने केस दर्ज किया था। यह मामला बिहार के फुलवारी शरीफ में पुलिस की कार्रवाई के बाद सामने आए तथ्यों के आधार एनआईए ने जब्त किया था। आज जिन लोगों के घर छापा मारा गया है, उनके तार इस केस से जुड़े थे।