मंत्रालय के अधिकारी- कर्मचारियों का बना नया संगठन, पदाधिकारियों की आपसी लड़ाई के चलते खारिज हुआ था रजिस्ट्र्रेशन

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Vikram Jain
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मंत्रालय के अधिकारी- कर्मचारियों का बना नया संगठन, पदाधिकारियों की आपसी लड़ाई के चलते खारिज हुआ था रजिस्ट्र्रेशन

BHOPAL. मध्यप्रदेश में मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने नया संगठन बना लिया है। यह संगठन मंत्रालय सेवा अधिकारी- कर्मचारी संघ के नाम से रजिस्टर्ड हुआ है। दरअसल पदाधिकारियों की आपसी लड़ाई के चलते रजिस्ट्रार फर्म्स एवं सोसायटी ने 26 दिसंबर 2022 को मंत्रालयीन अधिकारी—कर्मचारी संघ का रजिस्ट्र्रेशन खारिज कर दिया था। इस मामले में संघ के पदाधिकारियों ने अपील भी की थी, लेकिन रजिस्ट्रार ने अगस्त 2023 में उनकी अपील भी खारिज कर दी। इधर मंत्रालय में अधिकारी- कर्मचारियों का संगठन अस्तित्व में न होने से उनकी मांगों और सुझाव पर सरकार ने ध्यान देना बंद कर दिया था। इसी के चलते मंत्रालय के अधिकारी- कमर्चारियों ने मंत्रालय सेवा अधिकारी- कर्मचारी संघ के नाम से नया संगठन रजिस्टर्ड करवा लिया।

मांगों और समस्याओं की हो रही थी उपेक्षा

मंत्रालय संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे सुधीर नायक ने बताया कि संघ पदाधिकारियों की आपसी लड़ाई का फायदा सरकार में उच्च्च पदों पर बैठे अधिकारी उठा रहे थे। उन्होंने बताया कि मंत्रालयीन अधिकारी- कर्मचारियों का कोई संघ न रह जाने के कारण अधिकारी- कर्मचारियों की मांगें और समस्याएं उपेक्षित हो रही थीं। जरा जरा सी बात पर कर्मचारी निलंबित हो रहे थे। पूरे प्रदेश को चौथा समयमान दिया गया लेकिन मंत्रालय को छोड़ दिया गया। पहले प्रदेश के कर्मचारी मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान की मांग करते थे। अब ये हालत हो गई कि मंत्रालय वाले कह रहे हैं कि हमें प्रदेश के समान चौथा समयमान वेतनमान दिया जाए। सचिवालय भत्ता भी नहीं बढ़ सका। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सारी शर्तें पूरी होने पर समयमान नहीं मिल सका।

अधिकारी कर्मचारी पदोन्नति से वंचित

पूर्व अध्यक्ष सुधीर नायक ने आगे बताया कि प्रदेश के सभी कार्यालयों में पदोन्नति का कोई न कोई विकल्प खोज लिया गया लेकिन मंत्रालय के अधिकारी कर्मचारी 08 साल से पदोन्नति से वंचित हैं और मंत्रालय सेवा में पदोन्नति का कोई विकल्प नहीं खोजा गया। सहायक ग्रेड 3 की ग्रेड पे बढ़ाने की चर्चा तक नहीं चली। पुरानी पेंशन अथवा एनपीएस में न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित करवाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जा सके। जब भी किसी भी स्तर पर मंत्रालय की समस्याओं और मांगों को रखने की कोशिश की जाती है तो हर स्तर पर यही कहा जाता है कि मंत्रालय के संघ का तो रजिस्ट्रेशन ही निरस्त हो चुका है। मंत्रालय का कोई वैधानिक नेतृत्व ही नहीं है।

समस्याओं मांगों को रखने के लिए रजिस्टर्ड करवा लिया नया संगठन

मंत्रालय के कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं- मांगों के प्रति शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए 12 सिंतबर 2023 को सामूहिक अवकाश लिया था लेकिन संघ का रजिस्ट्रेशन निरस्त हो जाने एवं कोई वैधानिक और निर्वाचित नेतृत्व न होने के कारण मंत्रालय की मांगों पर कोई चर्चा नहीं हुई और न किसी को वार्ता के लिए बुलाया गया। ऐसी स्थिति में मंत्रालयीन अधिकारियों कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं मांगों को रखने के लिए एक विधिसम्मत मंच बनाने की दृष्टि से मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ नाम से नया संगठन रजिस्टर्ड करवा लिया है। मंत्रालय के अधिकारी कर्मचारियों में बड़ा उत्साह है और सभी नवगठित संगठन की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता की प्रभावशीलता समाप्त होते ही उक्त नव गठित संगठन के विधिवत चुनाव करवायेंगे जायेंगे और जो कार्यकारिणी निर्वाचित होकर आएगी वह नई सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से मंत्रालयीन अधिकारियों कर्मचारियों की मांगों समस्याओं के लिए संघर्ष करेगी। अभी पंजीयन के लिए तदर्थ कार्यकारिणी गठित की गई है। विधिवत मतदान के जरिए निर्वाचन कराने के बाद रेगुलर कार्यकारिणी इस कार्यकाल के लिए गठित होगी।

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