BHOPAL. पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने ऐलान कर दिया है कि वह चुनाव लड़ेगी। निशा बांगरे ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि मैं चुनाव लड़ुंगी। निशा ने लिखा कि बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार को अपना नामांकन भरेंगी। उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि लड़े हैं.. जीते हैं... लड़ेंगे जीतेंगे। निशा बांगरे ने सरकार की तरफ से इस्तीफा स्वीकार होने के एक दिन बाद ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
कांग्रेस ने आमला सीट मेरे लिए छोड़ने की बात कही थीः निशा
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने सरकार की तरफ से इस्तीफा स्वीकार करने के अगले ही दिन चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। निशा बांगरे ने कहा कि वह चुनाव लड़ेंगी। वह बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेगी। कांग्रेस के उम्मीदवार उतारने के बाद अब निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर निशा बांगरे ने कहा कि कांग्रेस ने आमला सीट मेरे लिए छोड़ने की बात कही थी। अब इस्तीफा मंजूर हो गया है। उनसे उनका निर्णय पूछा है। उनका जो भी फैसला हो मैं चुनाव लड़ूंगी और सत्य पर चलने वालों की बाधा बनने वालों को जवाब दूंगी। बता दें राज्य सरकार की तरफ से सोमवार को निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया था, लेकिन आदेश मंगलवार को सामने आया। जिसके बाद देरशाम निशा बांगरे ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
निशा बांगरे का इस्तीफा आखिरकार मंजूर
छतरपुर के लवकुशनगर की एसडीएम निशा बांगरे का इस्तीफा आखिरकार सरकार ने मंजूर कर लिया है, लेकिन जब तक सरकार ने यह फैसला लिया तब तक निशा बांगरे के साथ गुगली हो चुकी थी। उनके वकील और कांग्रेस नेता विवेक कृष्ण तन्खा ने उनका इस्तीफा मंजूर हो जाने की जानकारी दी है। दरअसल सोमवार की शाम ही कांग्रेस निशा के लिए रिजर्व रखी हुई बैतूल जिले की आमला सीट से मनोज मालवे की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया। अब इस उलझन में बड़ा सवाल यह है कि आखिर निशा बांगरे का राजनैतिक भविष्य क्या होगा? नौकरी तो हाथ से जा ही चुकी है, इस्तीफे के लिए निशा बांगरे ने लंबी लड़ाई लड़ी थी। कयास लग रहे हैं कि शायद कांग्रेस आमला की सीट से प्रत्याशी बदलकर निशा को मैदान में उतार दे, हालांकि अभी तक निशा बांगरे ने विधिवत कांग्रेस ज्वाइन नहीं की है, जबकि वे लंबे समय से आमला से चुनाव की तैयारी कर रही थीं।
निगम-मंडल में एडजस्ट करने का मिल सकता है आश्वासन
दूसरा कयास यह लगाया जा रहा है कि निशा बांगरे को सरकार बनने के बाद निगम-मंडल में पोस्ट देने का आश्वासन देकर मनाया जा सकता है। हालांकि उसमें यह रिस्क है कि कांग्रेस की सरकार बनती भी है या नहीं। राजनीति के लिए एंबिशस निशा बांगरे ने नौकरी तक को दांव पर लगाने का जोखिम उठाया है। ऐसे में वे बिफरकर कांग्रेस के खिलाफ ही बयानबाजी करने लगीं तो यह पूरी पार्टी के खिलाफ जा सकता है। खासकर दलित वोटर्स में इसका अच्छा मैसेज नहीं जाएगा।