BHOPAL. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भोपाल दौरे पर रहे। उन्होंने जंबूरी मैदान में बीजेपी के कार्यकर्ता महाकुंभ को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जहां कांग्रेस गई, वो राज्य बर्बाद हो गया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस म.प्र. में आएगी तो यहां का भी यही हाल होगा। कांग्रेस एक बार फिर एमपी को बीमारू बना देगी। कांग्रेस एमपी को तबाह कर देगी।
बीमारू राज्य क्या है?
बीमारू शब्द 'बी' से बिहार, 'म' से मध्य प्रदेश, 'र' से राजस्थान और 'यू' से यूपी नाम 1980 के दशक में एक अर्थशास्त्री आशीष बोस ने दिया था। उस समय इन राज्यों को बीमारू राज्य घोषित कर दिया गया था। बोस के अनुसार ये चार राज्य मुख्य रूप से जनसंख्या बढ़ने के कारण स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य विकास की गतिविधियों के मामले में आर्थिक रूप से पिछड़े हुए थे।
बीमारू राज्यों में क्या-क्या बदलाव हुए?
बीमारू राज्य कहे जाने वाले राज्य बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी में कई प्रकार के विकास हुए हैं। बिहार में 2019-20 में 11.3% की उच्च विकास दर दर्ज की गई। राजस्थान और एमपी ने कृषि, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विकास किया है। वहीं, यूपी में औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल शुरू की। हालांकि,साल 2010 के डेटा के अनुसार इन राज्यों में बिहार की टीएफआर 3.9, उत्तर प्रदेश की 3.5, मध्य प्रदेश की 3.2 और राजस्थान की 3.1 थी, जबकि पूरे भारत के लिए यह 2.5 थी।
रिजर्व बैंक के आर्टीकल में शामिल अन्य राज्य
2022 में रिजर्व बैंक के आर्टीकल के मुताबिक बीमारू राज्यों बिहार के साथ पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल का नाम भी शामिल किया गया। हालांकि, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्यों में शामिल नहीं है। पिछले साल रिजर्व बैंक ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते राज्यों की वित्तीय स्थिति तेजी से बिगड़ी थी। बैंक के अनुसार, 2011-12 से 2019-20 के दौरान राज्यों के ग्रॉस फिस्कल डेफिसिट और जीडीपी का अनुपात 2.5 फीसदी रहा था।