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मनीष गोधा, JAIPUR. विधानसभा चुनाव में हर के बाद राजस्थान कांग्रेस में अब आपसी खींचतान और दोषारोपण का सिलसिला तेज होता नजर आ रहा है। पार्टी के नए विधायकों की एक बैठक मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई और इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष चुनने का फैसला हालांकि, पार्टी आला कमान पर छोड़ दिया गया, लेकिन पार्टी नेताओं के बयान यह संकेत देते नजर आए कि आने वाले दिनों में पार्टी में सब कुछ सही नजर आने वाला नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष चुनने का फैसला आला कमान पर
पार्टी के नए विधायकों की यह बैठक मुश्किल से आधे घंटे चली और इस दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुकुल वासनिक ने नेता प्रतिपक्ष चुनने का फैसला आला कमान पर छोड़ने का जो प्रस्ताव दिया उसे सभी ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। बैठक में पार्टी की अगली रणनीति पर मंथन होने के साथ हार से जुडे़ मुद्दों पर चर्चा हुई। चुनाव में भितरघात का मुद्दा भी उठा। हार के लिए वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सचिन पायलट के समर्थकों ने नारेबाजी की।
हार के कारणों की ले रहे हैं राय
बैठक के बाद मीडिया सब बातचीत करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस की यह परंपरा रही विधायक दल की बैठक की। बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया हैं और आलाकमान को विधायक दल के नेता के नाम के लिए अधिकृत किया हैं। बैठक तो इसी प्रस्ताव को लेकर थी। अब अलग-अलग विधायकों से नेता चर्चा कर रहे हैं। लोकसभा चुनावों और हार के कारणों की राय ले रहे हैं।
मन जीत लेते तो चुनाव जीत लेते
पायलट ने कहा हमें उम्मीद थी कि राजस्थान में इस बार सरकार दोबारा बने। सब लोगों ने मेहनत की बावजूद उसके कुछ कमियां रही। कमियों को स्वीकार करना पड़ेगा। क्या कमियां रही और कामयाबी के लिए क्या सुधार हो इस पर लंबी चर्चा की जरूरत हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता अगर जनता का मन जीत पाते तो चुनाव जीत पाते हैं। राजस्थान की परंपरा पुरानी है कि सत्ता बदलती है। हमारा प्रयास था कि हम सत्ता में वापसी करें। हमें भविष्य की बात करनी है जल्दी पार्टी निर्णय लेगी कि आगे किस तरह से रास्ता तय किया जाएगा। मैं हमेशा से युवाओं के पक्ष में रहा हूं। युवाओं को आगे लाना चाहिए और मुझे खुशी हैं पार्टी ने इस चुनाव में ऐसा किया है।
गहलोत बोले- हमारा वोट शेयर कम नहीं हुआ
बैठक के बाद निवृत्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- नेता प्रतिपक्ष को लेकर एक सिंगल लाइन का प्रस्ताव पारित किया गया है। हमने फैसला हाईकमान पर छोड़ा है। हमारे यहां यह परिपाटी रही है। हमारा वोट शेयर कम नहीं हुआ। पहले जो वोट शेयर था, वही आया है। लेकिन, हमारे जो निर्दलीय जीते हुए थे, उनका वोट शेयर बीजेपी की तरफ चला गया। हमने विकास और लोकल मुद्दों पर चुनाव लड़ा। बीजेपी ने यह चुनाव अलग तरीके से लड़ा। उन्होंने विकास की बात नहीं की। कन्हैया लाल को लेकर चुनाव लड़ा। राजस्थान में तरह-तरह की अफवाह फैलाई गई। गहलोत ने कहा- मेरा मानना था कि सरकार बन जाएगी। प्रदेश में सरकार के खिलाफ लहर नहीं थी। राजस्थान वह राज्य था, जहां सरकार के खिलाफ माहौल नहीं था। जबकि होता यह है कि जहां सरकार होती है, वहां बहुत कुछ सरकार के खिलाफ हो जाता है। भाजपा ध्रुवीकरण करने में सफल हुई।
जुबैर खान ने कहा- कार्यकर्ताओं की जगह एजेंसियों को महत्व देने से हारे
जुबैर खान ने कहा- हमारी योजनाओं को हम नीचे के स्तर पर नहीं पहुंचा पाए, इसलिए चुनाव हारे। पार्टी की असली मजबूती होता है कार्यकर्ता। अगर कार्यकर्ता की जगह एजेंसियों को महत्व दिया जाएगा तो उसका नुकसान होगा।