JAIPUR. राजस्थान में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी हैं। शुरुआती रुझानों में बीजेपी 55 और कांग्रेस 50 सीटों पर आगे चल रही है। राजस्थान के सियासी संग्राम के बीच अपनों के बीच सियासी टक्कर है। यहां कई सीटों पर रिश्तेदारों में टक्कर है। इस बार रिश्तों पर सियासत भारी पड़ती दिख रही है। चलिए जानते है कौन सी है सीटें
धौलपुर : प्रदेश की धौलपुर सीट पर बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी आपस में जीजा-साली लगते हैं। इस सीट पर कांग्रेस की शोभा रानी कुशवाहा और बीजेपी के शिवचरण आपस में जीजा-साली लगते हैं।
खेतड़ी : झुंझुनू जिले की खेतड़ी सीट पर चाचा और भतीजी आमने-सामने है। यहां से बीजेपी से इंजी. धर्मपाल गुर्जर, उनके चचेरे भाई दाताराम गुर्जर और दाताराम की बेटी मनीषा गुर्जर टिकट मांग रही थी। बीजेपी ने धर्मपाल को टिकट दिया है, इससे नाराज मनीषा ने बगावत कर दी। कांग्रेस ने मनीषा गुर्जर को टिकट दे दिया। धर्मपाल गुर्जर चाचा हैं और प्रधान मनीषा गुर्जर उनकी भतीजी हैं।
नागौर : नागौर सीट पर भी मुकाबला रोचक है। यहां से कांग्रेस से हरेंद्र मिर्धा को चुनाव मैदान में है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने मिर्धा परिवार की बेटी ज्योति मिर्धा को चुनाव मैदान में उतारा है। ये भी आपस में रिश्तेदार हैं।
दांतारामगढ़: यहां पति और पत्नी के बीच मुकाबला है। कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी का मुकाबला उन्ही की पत्नी रीटा सिंह चौधरी से है। दांतारामगढ़ सीट पर इस बार रिश्तों पर सियासत भारी पड़ती दिख रही है। यहां पति-पत्नी के बीच बेहद दिलचस्प मुकाबला है। यहां कांग्रेस ने विधायक वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया है, जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने वीरेंद्र सिंह की पत्नी रीटा चौधरी को टिकट देकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
सोजत: पाली के सोजत नगर सीट से इस पर कांग्रेस से पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य चुनाव मैदान में हैं। जबकि बीजेपी ने निरंजन आर्य के मुकाबले में उनकी साली शोभा चौहान को चुनावी समर में उतारा है। इससे पहले निरंजन आर्य की पत्नी 2018 में यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं।