BHOPAL. मध्यप्रदेश को चार दिन बाद नई सरकार मिलेगी। लिहाजा, ऊंट किस करवट बैठेगा, ये तो उसके बाद ही पता चलेगा। सरकार तो बन जाएगी, लेकिन पैसा कहां से आएगा ये बड़ा सवाल है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि प्रदेश में कमाई से ज्यादा खर्च हो रहे हैं। राज्य में बजट से ज्यादा कर्ज हो चुका है। सरकार कर्ज पर जिंदा है और ये कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। अब ऐसे में इन सभी चीजों का मैनेजमेंट करना प्रदेश में शपथ लेने वाली सरकार के लिए बड़ा चैलेंज होगा।
क्या वादे पूरे कर पाएगी सरकार ?
मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस ने जनता से बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो कर दी हैं, लेकिन अब उन्हें पूरा करना आने वाली सरकार के लिए एक बड़ा चैलेंज होगा। दोनों ही प्रमुख दलों में मुफ्त की घोषणाओं पर होड़ है। उन्होंने राज्य का बजट देखे बिना घोषणाएं कीं। सरकार की ये घोषणाएं, उन्हीं पर भारी पड़ने वाली हैं। दोनों ही पार्टियों ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं।
सरकार आज ले रही है लोन
मप्र में नतीजे आने से पहले मौजूदा सरकार आज 28 नवंबर को दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। इस साल शिवराज सरकार अब तक 38 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। राज्य सरकार का नवंबर महीने में ये पहला कर्ज है। इस महीने सरकार ने एक भी बार कर्ज नहीं लिया है। ये कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 14 साल के लिए लिया जा रहा है।
मार्च तक सरकार ने लिया इतना कर्ज
मध्यप्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2023 तक कुल कर्ज 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ रुपए हो गया है। 31 मार्च 2022 तक प्रदेश का कुल सार्वजनिक कर्ज 2.95 लाख करोड़ रुपए था। बजट अनुमान (वित्त वर्ष 2023-24 के लिए) के अनुसार 31 मार्च 2024 तक ये आंकड़ा बढ़कर 3.85 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
बीजेपी की घोषणा, खजाने पर कितना भार
लाड़ली बहना योजना- पात्र महिला को 1000 रुपए हर महीने देकर शुरुआत 1.30 करोड़ महिलाओं को हर माह 1250 रुपए, सालभर का 19,500 करोड़ खर्च।
बिजली सब्सिडी- अभी उपभोक्ताओं को 100रुपए में 100 यूनिट बिजली, इस पर 6000 करोड़ सब्सिडी,
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की वेतनवृद्धि- मानदेय में बढ़ोत्तरी से 35.04 करोड़ हर महीने, सालभर में 420 करोड़ का भार।
450 रुपए में गैस सिलेंडर- उज्ज्वला और लाड़ली बहना योजना में हर महीने सब्सिडी। हर महीने 280 करोड़ का खर्च।
किसान सम्मान- ये राशि 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार की। 87 लाख किसानों को फायदा, खजाने पर 5220 करोड़ का भार।
कांग्रेस की घोषणा, खजाने पर कितना भार
नारी सम्मान- पात्र महिला को हर महीने 1500 रुपए, हर महीने 1980 करोड़ सालाना 23760 करोड़ का भार।
किसान- दो लाख कर्ज माफी, इस पर 10 हजार करोड़ खर्च का अनुमान।
बिजली सब्सिडी- 100 यूनिट बिजली फ्री, 200 यूनिट बिल हाफ होगा। 8000 करोड़ सालाना भार।
500 में गैस- अनुमानित 1.82 करोड़ गैस उपभोक्ताओं को 500 में सिलेंडर देंगे। हर महीने 819 करोड़ सब्सिडी, 9828 करोड़ सालाना भार।
- युवा हर माह 1500 से 3000 रुपए तक देंगे 10 हजार करोड़ खर्च, छात्रवृत्ति- 89 लाख स्कूली बच्चों को हर माह 500-1500 रुपए देंगे। 7850 करोड़ सालाना भार।