KHAIRAGARH/ JAGDALPUR. छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के आहवान पर 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के सभी प्राइवेट स्कूल बन्द रहे। जिलेभर के प्राइवेट स्कूल संचालक टीचर्स के साथ खैरागढ़ के अंबेडकर चौक में धरना प्रदर्शन किए। प्रर्दशन में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आर टी ई की लंबित राशि, शासकीय स्कूल की तर्ज पर प्राइवेट स्कूल की छात्राओं को सायकल की मांग सहित अन्य समस्याओं को रखा।
प्राइवेट स्कूल संचालकों का 21 सितंबर को रायपुर में प्रदर्शन
वहीं, एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा है कि आंदोलन के पहले चरण में सभी स्कूलों को बंद रखा गया। अगर इसके बाद भी शिक्षा विभाग हमारी मांगों को पूरा नहीं करता है तो फिर हम सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे। आंदोलन के दूसरे चरण में प्रदेश के सभी निजी स्कूलों के संचालक 21 सितंबर को राजधानी रायपुर में प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन को समर्थन देने जिला भाजपा अध्यक्ष घम्मन साहू भी कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे।
जगदलपुर और बस्तर में भी बंद रहे निजी स्कूल
इधर, जगदलपुर में निजी स्कूल के संचालकों ने गुरुवार को अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश सहित बस्तर में अपने स्कूल बंद रखा। जगदलपुर स्थित पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में निजी स्कूल प्रबंधकीय संगठन के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर जानकारी दी और बताया कि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो आगामी दिनों में उनके द्वारा आंदोलन किया जाएगा। निजी स्कूल प्रबंधकीय संगठन के सचिव निलोत्पल दत्ता ने बताया आरटीई का कानून 12 वर्षों से लागू है, इस कानून के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों से किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती, लेकिन सरकार की ओर से निर्धारित की गई राशि में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
ये हैं निजी स्कूल संचालकों की मांगें
उन्होंने कहा कि 12 वर्षों में महंगाई बढ़ी है और सरकार को भी प्रतिपूर्ति की राशि बढ़ानी चाहिए, साथ ही आरटीई के तहत बकाया प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान जल्द करने निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को शासन की सरस्वती साइकिल योजना का लाभ देने, छत्तीसगढ़ बोर्ड से संबंधित शालाओं का मान्यता नवीनीकरण में एकरूपता लाने स्कूल बसों की अवधि 12 वर्ष से बढ़कर 15 वर्ष करने कोरोना काल के दौरान नहीं चली बसों की अवधि 17 वर्ष करने सहित कुल 8 मांगे निजी स्कूल के प्रबंधकों के द्वारा की जा रही है।