संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। जिला कोर्ट ने इनके खिलाफ दर्ज हुए केस के मामले में पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इन सभी के खिलाफ बीजेपी के विधि प्रकोष्ठ के निमेष पाठक ने अगस्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि बीजेपी सरकार की छवि धूमिल करने के लिए 50 फीसदी कमीशन खोरी का फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।
ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम का कोई व्यक्ति नहीं
ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम का कोई व्यक्ति ही नहीं है और इस नाम का चीफ जस्टिस को लिखा गया फर्जी पत्र इन्होंने सोशल मीडिया पर जारी किया। संयोगितागंज थाने में 12 अगस्त को धारा 420 और 469 के तहत केस दर्ज किया गया था।
60 दिन में चालान पेश नहीं होने पर गए थे कोर्ट
12 अगस्त को संयोगितागंज थाने में ये शिकायत हुई थी, जिसमें केस दर्ज हुआ। लेकिन नियम के अनुसार 60 दिन में चालान पेश नहीं किया गया। 7 साल से कम सजा वाले केस में चालान पेश करना जरूरी था। इसी मामले में बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के पदाधिकारी और शिकायतकर्ता निमेष पाठक ने कोर्ट में अपील की और चालान पेश नहीं होने की बात कही। इस पर कोर्ट ने पुलिस से इस पूरे मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। ऐसी स्थिति में इन सभी के बयान ले सकती है और चालान पेश होने पर कोर्ट में पेश भी होना पड़ सकता है।
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ये थी शिकायत
पाठक ने शिकायत की थी कि कुछ नेताओं द्वारा ये सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है कि मध्यप्रदेश ठेकेदार संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में 50 फीसदी कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है। ये पत्र ग्वालियर से किसी ज्ञानेंद्र अवस्थी के नाम से जारी हुआ था। लेकिन ऐसा कोई पता और व्यक्ति ही नहीं मिला। कांग्रेस द्वारा जानबूझकर फर्जी पत्र भ्रामक आरोपों के साथ जारी किया गया है। फिर योजनाबद्ध तरीके से सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। ये भ्रामक खबर प्रियंका गांधी, कमलनाथ, अरुण यादव द्वारा चलाई गई और बीजेपी की सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।