छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हाफ योजना को लेकर असमंजस में जनता, लोगों को सता रहा बिल डबल होने का डर

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Vikram Jain
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छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हाफ योजना को लेकर असमंजस में जनता, लोगों को सता रहा बिल डबल होने का डर

गंगेश‍ द्विवेदी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हाफ योजना को लेकर आम जनता असमंजस की स्थिति में है। योजना कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी, चार साल तक अच्‍छे से चली भी लेकिन अब सत्ता बदल चुकी है। आम जनता अब इस बात को लेकर चिंता में है कि इस योजना का फायदा आगे मिलेगा या नहीं। लोगों को इस बात का डर सताने लगा है कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में बिजली को लेकर कोई घोषणा नहीं की थी। जनता तो इस सरकार से शिकायत भी नहीं कर सकती कि योजना को वे जारी रखे। लोगों को डर है कि अब उनका बिजली बिल डबल हो जाएगा।

जानें क्या है बिजली बिल हाफ योजना

हाफ बिजली बिल योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक महतवपूर्ण योजना है। इसे 1 मार्च 2019 को शुरू किया गया था। छत्तीसगढ़ हाफ बिजली बिल योजना शुरू करने के मुख्य उद्देश्य प्रदेश की जनता को महंगाई के दौर में भरी भरकम बिजली के बिलों से छुटकारा दिलाना है। इससे उन पर आर्थिक दबाव कम होगा और उनके खर्च करने की क्षमता (Buying capacity) में इजाफा होगा। प्रदेश के लगभग 42 लाख से ज्यादा लोगों को छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की हाफ बिजली बिल योजना से उपभोक्ताओं को चार साल में 3200 सौ करोड़ रुपए की छूट मिली, किसानों का 10 हजार 432 करोड़ का बिल माफ हुआ, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित हाफ बिजली बिल योजना से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलती रही है।

क्‍या है पात्रता की शर्तें

छत्तीसगढ़ हाफ बिजली बिल योजना के तहत केवल वो व्यक्ति पात्र माने गए थे जिनकी मासिक बिजली की खपत 400 यूनिट से कम है। लाभार्थी पर पिछली कोई भी बिजली के बिल की धनराशि रुकी नहीं होनी चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को नियमित रूप से बिल की धनराशि भरना अनिवार्य है। 400 यूनिट प्रति माह से ज्यादा की खपत होने पर लाभार्थी को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। लेकिन ऐसे लोगों को भी लाभ मिला जिनकी खपत महीने में 400 यूनिट से ज्यादा थी। बस इस लिमिट के उपर का बिल पूरा लिया गया।

असमंजस होना स्‍वाभाविक

वरिष्‍ठ पत्रकार निश्‍चय कुमार का कहना है कि हाफ बिजली बिल योजना कांग्रेस सरकार ने चला रखी थी। इसका फायदा 42 लाख से ज्यादा लोगों को मिल रहा था। कांग्रेस के अपने एजेंडे में इस बार 200 यूनिट तक फ्री करने की योजना थी। बीजेपी ने ऐसा कोई वादा अपनी घोषणापत्र में नहीं किया है, इसलिए आम लोग बीजेपी सरकार पर दबाव भी नहीं डाल सकती। इसीलिए लोग आशंकित हैं कि कब योजना बंद हो जाए और बिल दोगुना आने लगे। बीजेपी को इस योजना पर संवेदनशीलता से विचार करना होगा। वहीं बिजली बिल का मुद्दा हर घर से जुड़ा है, इसीलिए नई सरकार के लिए इसे बंद करना इतना आसान नहीं होगा। अगर सरकार इस योजना को बंद करेगी तो विपक्ष में बैठी कांग्रेस इसे मुद्दा जरूर बनाएगी।

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बिजली कंपनी अडानी को बेचने की तैयारी : कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्‍ता सुरेंद्र वर्मा का आरोप है कि भूपेश सरकार की योजनाओं के केंद्र में जनता थी, 42 लाख परिवार इससे लाभान्‍नवित होती रही है। 4 हजार करोड़ की रियायत अभी तक लोगों को मिली। किसानों को 12 हजार करोड़ से ज्‍यादा की सब्सिडी बिजली पंपों में मिली। अब चर्चा यह है कि सीएसईबी कब अडानी पावर होगा इस बात का अंदेशा है। अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने का षडयंत्र भी बीजेपी कर रही है। यह आशंका छत्तीसगढ़ की जनता के मन में है। लेकिन कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी, हर स्‍तर पर लड़ाई की जाएगी।

जनता के लिए बेहतर योजना लाएंगे : बीजेपी

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्‍ता केदार गुप्‍ता का कहनाा है कि असमंजस की स्थिति कांग्रेस के शासनकाल में थी। उन्‍होंने बीजेपी को चुना है, जनता को भरोसा है कि बीजेपी जो भी फैसला लेगी वह जनता के हित में ही होगा। अभी जो योजनाएं चल रही हैं, उनकी समीक्षा करेंगे और बेहतर योजनाएं लाएंगे जिससे आम लोगों को फायदा होगा। बीजेपी सरकार आम लोगों के राष्‍ट्रवाद विकास और जनता की सेचा में काम करती है, यह सबको पता है। व्‍यक्तित्‍व का विकास होगा स्‍टैंडर्ड आफ लिविंग बढ़ेगा।

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