राजस्थान चुनाव से पहले बलात्कार-हत्या के दोषी राम रहीम की पैरोल को लेकर उठ रहे सवाल, हरियाणा सरकार ने कहा-चुनाव से लेना-देना नहीं

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
राजस्थान चुनाव से पहले बलात्कार-हत्या के दोषी राम रहीम की पैरोल को लेकर उठ रहे सवाल, हरियाणा सरकार ने कहा-चुनाव से लेना-देना नहीं

GURUGRAM. राजस्थान चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के पैरोल पर जेल से बाहर आने पर सवाल उठ रहे हैं। बताते हैं राजस्थान में उनके विवादास्पद पंथ का बड़े क्षेत्र में असर है। आशंका जताई जा रही है कि उसकी रिहाई से एक सियासी दल बड़ा लाभ लेना चाह रहा है और उसी वजह से राम रहीम को पैरोल मिली है या दी गई है।

यहां बता दें, बलात्कार और हत्या के आरोपी राम रहीम की मंगलवार, 21 नवंबर को 21 दिन के लिए रिहाई हुई है और राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है।

पांचवीं बार चुनाव के समय जेल से बाहर आया

राम रहीम बलात्कार और हत्या के आरोप में 2017 से जेल में है और फरवरी 2022 के बाद से यह पांचवीं बार चुनाव के समय पैरोल या फर्लो पर जेल से बाहर आया है। राम रहीम 25 अगस्त 2017 से अपनी महिला अनुयायियों से बलात्कार के लिए 20 साल की सजा काट रहा है। उसे पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के केस में जनवरी 2019 और पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या मामले में अक्टूबर 2021 में अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। मंगलवार को रिहा होने के बाद वह बरनावा (उत्तर प्रदेश) स्थित अपने आश्रम के लिए रवाना हुआ।

राम रहीम का सियासत से पुराना रिश्ता

सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का राम रहीम के नेतृत्व में राजनीति से एक लंबा रिश्ता रहा है, यह संगठन अलग-अलग समय पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों को समर्थन देता रहा है। राम रहीम राजस्थान के गंगानगर जिले के गुरुसर मोडिया गांव का रहने वाला है, जहां उनका एक और आश्रम है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में राम रहीम की पैरोल पर पर रिहाई को वोट बैंक से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह ने इस बात से इनकार किया कि राम रहीम की रिहाई का चुनावों से कोई लेना-देना है।

राम चंदर की बरसी के दिन ही राम रहीम को पैरोल मिली

पत्रकार राम चंदर छत्रपति के बेटे अंशुल ने कहा कि 2002 में पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से ही राज्य का राजनीतिक वर्ग, राजनीतक संबद्धता के बावजूद राम रहीम के साथ खड़ा है। यहां बता दें, सांध्य दैनिक पूरा सच के संपादक राम चंदर छत्रपति को 24 अक्टूबर 2002 को उनके सिरसा स्थित उनके घर के बाहर ही गोली मार दी गई थी। इसके बाद इलाज के दौरान 21 नवंबर 2002 को राम चंदर की मौत हो गई थी। मंगलवार, 21 नवंबर को उनकी 22 वीं बरसी थी और इसी दिन राम रहीम को पैरोल पर रिहा किया गया।

इसलिए पत्रकार पर हुआ हमला

डेरा की महिला अनुयायियों द्वारा भारत के राष्ट्रपति को लिखे गए एक पत्र को प्रकाशित करने पर राम रहीम के कहने पर छत्रपति पर हमला किया गया था। ये वही पत्र था जिसमें पंथ प्रमुख पर बलात्कार का आरोप लगाया गया था।

पिता की हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किया

अपने पिता की हत्या के बारे में अंशुल ने कहा बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामले की जांच के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगर हमारे परिवार और अन्य पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिल सका, तो यह केवल हमारी न्यायिक प्रणाली द्वारा दिखाई गई शानदार निष्पक्षता थी। अंशुल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि राम रहीम को चुनाव से पहले पैरोल या फर्लो पर रिहा किया गया हो।

खट्टर सरकार हत्या-बलात्कार के दोषी के साथ 

पत्रकार के बेटे ने कहा कि जहां तक मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली वर्तमान बीजेपी सरकार का सवाल है तो वह उस व्यक्ति के पीछे खड़ी है जिसके खिलाफ बलात्कार और हत्या के जघन्य आरोप साबित हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने राम रहीम के अनुरूप हरियाणा अच्छा आचरण कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 पारित किया। जिसके अनुसार अब उन्हें पैरोल या फर्लो मांगने के लिए कोई कारण बताने की जरूरत नहीं है, जो पहले अनिवार्य था।

नए नियमानुसार पैरोल और फर्लो दोनों ही कैदियों को बहुत कम दिनों के लिए रिहाई की पेशकश करते हैं, जबकि दावा बिना किसी कारण के किया जा सकता है, विचाराधीन कानून बिना कारण के भी पैरोल की अनुमति देता है। 

हरियाणा के जेल मंत्री ने कहा-राम रहीम की रिहाई का चुनाव से कोई मतलब नहीं

हरियाणा के जेल और ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि राम रहीम की रिहाई का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है, उन्होंने कहा कि पैरोल और फर्लो एक कैदी के वैधानिक अधिकार हैं और वह अपनी पसंद के समय इसके लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि हरियाणा अच्छा आचरण कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 किसी भी तरह से राम रहीम की मदद करने के लिए था। उन्होंने कहा, यह आरोप कि राम रहीम की रिहाई चुनाव के लिए हुई है, बिल्कुल गलत है।

National News नेशनल न्यूज Rajasthan Assembly elections राजस्थान विधानसभा चुनाव Dera Sachcha Sauda chief Ram Rahim Ram Rahim in jail in murder and rape case Haryana Khattar government डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम राम रहीम हत्या और बलात्कार के केस में जेल में हरिणाया खट्टर सरकार