डेली कॉलेज बोर्ड सदस्य लुल्ला पर उठे सवाल, बैलेंस शीट से अनियमितता के आरोप हो रहे गंभीर,11 करोड़ के फायदे से 1.90 करोड़ पर आया कॉलेज

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Chandresh Sharma
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डेली कॉलेज बोर्ड सदस्य लुल्ला पर उठे सवाल, बैलेंस शीट से अनियमितता के आरोप हो रहे गंभीर,11 करोड़ के फायदे से 1.90 करोड़ पर आया कॉलेज

संजय गुप्ता, INDORE. डेली कॉलेज के खर्चों में एक साल में ही 17 करोड़ की बढ़ोतरी लगातार तूल पकड़ती जा रही है। इस मामले में द सूत्र के पास आई बीते छह सालों की खर्चों की गोपनीय जानकारी बता रही है कि यदि कॉलेज की ब्याज की कमाई को हटा दें तो इसका लाभ 11 करोड़ से घटकर केवल 1.90 करोड़ पर आ गया है और तेजी से इसमें गिरावट हो रही है, जिसकी वजह खर्चों में कोई नियंत्रण नहीं होना है, जिसे लेकर शंका के साथ इसे बंदरबांट के रूप में देख रहे हैं। इस बैलेंस शीट के कारण अब ओडीए सदस्य खुलकर इसे अनियमितता के पुख्ता और गंभीर होने की बात कह रहे हैं। साथ ही बोर्ड के ओडीए (ओल्ड डेलियंस एसोसिएशन) से चुनकर बोर्ड में गए सदस्य धीरज लुल्ला को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्यों खड़े हो रहे हैं लुल्ला पर सवाल

धीरज लुल्ला लगातार दूसरी बार बोर्ड के सदस्य बने हैं और वह ओडीए कैटेगरी से दो सदस्यों के चुनकर आने वालों में से एक है, दूसरे सदस्य संदीप पारिख है जो इसी बार बोर्ड सदस्य चुने गए हैं। पारिख ने इस खर्चों को लेकर मामला उठाया है लेकिन लुल्ला ने चुप्पी साधी हुई है। ओडीए सदस्य अजय बागड़िया ने साफ कहा कि एक सदस्य (पारिख) आवाज उठा रहा है और दूसरा (लुल्ला) चुप है और इन खर्चों पर आवाज नहीं उठा रहा है। हमने दोनों को चुनकर भेजा है, या तो यह है कि खर्चे में इनकी सहमति है और नहीं तो फिर इस्तीफा क्यों नहीं देते। बागड़िया ने तल्खी से कहा कि कुर्सी ही तो है जनाजा नहीं जो उठ नहीं सकते।

अब बीते छह सालों को हिसाब देखिए, किस तरह बढ़ रहे खर्चे

1- वित्तीय साल 2017-18 के दौरान डेली क़ॉलेज की आय 65 करोड़ और खर्चे 50 करोड़ करीब थे, लाभ 15 करोड था (इसमें ब्याज ही चार करोड़ रुपए था), यानि शुद्द लाभ 11 करोड़ था

2- वित्तीय साल 2018-19 में यह 66 करोड़ और 54 करोड़ हो गया और शुद्ध लाभ 11 करोड़ ही करीब था।

3- 2019-20 में यह 72 करोड़ और खर्चे 54 करोड़ हो गया, लाभ करीब 12 करोड़ था।

4- 2020-21 में कोविड में आय 56 करोड और खर्चे 46 करोड़ हो गया, ब्याज की आय हटाने पर शुद्द लाभ तीन करोड़ था

5- 2021-22 में आय 61 करोड और खर्च 53 करोड़ था, कुल कमाई सवा सात करोड़ से ज्यादा थी, जिसमे ब्याज से कमाई 5.80 करोड़ थी यानि शुद्ध कमाई 1.50 करोड़ करीब थी

6- कोविड से पूरी तरह उबरने के बाद डेली क़ॉलेज की 2022-23 में कमाई 80 करोड़ को छू गई, वहीं खर्च 53 करोड़ से बढकर पहुंच गया 70 करोड़ पर। कॉलेज की कुल कमाई 8.90 करोड़ हुई जिसमें से ब्याज के ही करीब सात करोड़ थे, यानि क़ॉलेज की शुद्ध कमाई 1.90 करोड़ रुपए पर आ गई। जो छह साल पहले 2017-18 में 11 करोड़ रुपए थी।

क्यों खर्चों पर उठ रही है उंगलियां?

1- इलेक्ट्रिसिटी खर्च- यह खर्च साल 2021-22 में जब स्कूल केवल 40 दिन चलना बताया गया है, तब एक करोड़ 6 लाख रुपए बताया गया है, लेकिन जब 220 दिन स्कूल चला तो यही बिल एक करोड़ 40 लाख रुपए था। यानि कोविड काल में औसत हर दिन का बिल 2.65 लाख रुपए और जब स्कूल खुला तो 63 हजार करीब प्रति दिन।

2- सिक्यूरिटी बिल- सिक्यूरिटी कांटेक्ट में जो भुगतान पहले मात्र 15.80 लाख रुपए खर्च हुआ वह 2022-23 में बढ़कर करीब छह गुना बढ़कर 86.70 लाख रुपए हो गया।

3- एन्युअल डे फंक्शन- साल 2021-22 में जो एन्युअल डे फंक्शन मात्र 32.44 लाख रुपए में किया गया, वह साल 2022-23 में चार गुना बढ़कर एक करोड़ 25 लाख रुपए में किया गया।

4- मैस खर्च- यह मैस खर्च जो पहले 2.37 करोड़ रुपए था वह बढ़कर 2022-23 में 6 करोड़ रुपए हुआ।

5- लीगल सेल का खर्च जो करीब आठ लाख रुपए था वह बढ़कर 36 लाख रुपए हो गया।

40 लाख की अनियमितता पर हमने तो तीन को निलंबित किया था

बागड़िया कहते हैं कि ओडीए को इन दोनों सदस्यों से हिसाब मांगना चाहिए। ओडीए में बीते साल 40 लाख की अनियमितता का मामला हुआ, राशि भर भी गई लेकिन हमने तीन पदाधिकारियों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया। फिर हमसे चुनकर गए दोनों सदस्यों से सवाल क्यों नहीं होना चाहिए, नहीं तो इस्तीफा लिया जाना चाहिए। इन खर्चों के लिए एक्स्ट्रा आर्डिनरी जनरल मीटिंग होना चाहिए।

शराब पार्टियों के साथ 7500 रुपए की एक थाली

डेली कॉलेज में छात्रों की फीस का पैसा शराब पार्टियों में उड़ाए जाने के आरोप तो पहले ही लग चुके हैं। अब ताजा खुलासा यह भी हुआ है कि यहां पर जो पार्टियों में भोजन की थाली होती है वह कोई मामूली नहीं होती है, एक पार्टी में एक थाली का दाम 7500 रुपए था। इतनी मंहगी थाली तो इंदौर में जी-20 के आयोजन में भी नहीं लगी थी। ऐसे में बोर्ड पर लगातार बेजा खर्चों के आरोप लग रहे हैं।

एक के बाद एक सदस्य उठा रहे सवाल बोर्ड और ओडीए दोनों चुप

बागडिया के साथ ही पूर्व ओल्ड डेलियन्स दीपक कासलीवाल, रविंद्र सिंह छाबड़ा, सुनील बजाज, रोहन जैन, गिरिराज सिंह, डॉ. सुमित शुक्ला सभी सवाल उठाते हुए पारदर्शिता रखने की बात कह रहे हैं। कुछ सदस्य एजीएम बुलाकर इन खर्चों का स्पष्टीकरण देने की मांग उठा रहे हैं लेकिन अभी तक बोर्ड के किसी भी सदस्य ने 17 करोड़ के खर्चों को लेकर स्पष्टीकरण नहीं दिया है और ना ही किसी का जवाब सामने आया है। साथ ही ओडीए से भी अब सदस्य सवाल पूछ रहे हैं कि इस मामले में वह क्या कर रही है लेकिन वहां भी ओडीए प्रेसीडेंट और सचिव सहित सभी ने चुप्पी साध रखी है।

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