नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पीएससी एक बार फिर चर्चा में हैं। बीते दिनों पीएससी का रिजल्ट जारी हुआ है। जिसको लेकर गड़बड़ी के आरोप लगे रहें है। बीजेपी नेता ओपी चौधरी ने पीएससी मसले पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पीएससी की परीक्षाओं की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। प्रदेश के युवाओं के साथ कांग्रेस सरकार और सीजीपीएससी ने धोखाधड़ी की है।
प्रदेश में माफियाओं की सरकार
बीजेपी प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी तथ्यों के साथ पीएससी मसले पर सामने आए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर और सीजीपीएससी पर युवाओं के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार ने उनको भी कहीं का नहीं छोड़ा है। कुल मिलाकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार माफियाओं की सरकार है, प्रदेश का कोई भी महकमा बाकी नहीं रहा है, जहाँ माफियाओं का कब्जा नहीं रह गया है। यही माफिया प्रदेश में सरकार चला रहे हैं। इन युवाओं के भविष्य से प्रदेश सरकार लगातार मजाक कर रही है। श्री चौधरी ने कहा कि पीएससी, जो एक संवैधानिक संस्था है, में भी इस कांग्रेस सरकार की कई तरह की विसंगतियाँ व धांधलियाँ सामने आती रही हैं। हाल ही जो पीएससी की परीक्षा के जो परिणाम आए हैं, उसमें भी अनेक निराशाजनक तथ्य सामने आए हैं।
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तथ्यों के साथ सामने आई बीजेपी
बीजेपी प्रदेश महामंत्री श्री चौधरी ने बताया कि इस परीक्षा में 8 अंक का एक प्रश्न यह था कि 1857 की क्रांति में वीर हनुमान सिंह के योगदान का वर्णन कीजिए। एक अभ्यर्थी ने उत्तर में हनुमान सिंह की जगह वीर नारायण सिंह लिखा। दोनों ही हुतात्माओं का योगदान हमारे लिए अमूल्य धरोहर है। चूँकि परीक्षा में वीर हनुमान सिंह के बारे में प्रश्न था, इसलिए उत्तर भी उनके बारे में दिया जाना था। उन्हें छत्तीसगढ़ का मंगल पांडे कहा जाता है। लेकिन उस अभ्यर्थी को गलत उत्तर दिए जाने के बाद भी इसमें साढ़े 5 अंक दिए गए जबकि जिस अभ्यर्थी ने वीर हनुमान सिंह के बारे में उत्तर लिखा, उसे सिर्फ 4 अंक दिए गए। इसी तरह गणित के कई प्रश्न गलत रहे या उनके उत्तर गलत दिए गए, फिर भी गलत उत्तर देने वाले अभ्यर्थियों को अधिक या पूरे अंक दिए गए जबकि सही उत्तर पर कम अंक दिए गए हैं। इसके अलावा उत्तरपुस्तिका में पूरा पेज कोरा छोड़ने के बावजूद उसमें पूरे अंक तक दिए जाने की बात सामने आई है।
परीक्षा में हुई धांधली
बीजेपी नेता ओपी चौधरी ने आगे कहा कि इसी तरह ऑन्सर शीट का मूल्यांकन एक्जामिनर, डिप्टी हेड एक्जामिनर और हेड एकाजामिनर, इन तीन स्तरों पर होता है, लेकिन इसमें तीनों मूल्यांकन के अंक समान ही दिए गए हैं। कैसे संभव है कि तीनों स्तर पर मूल्यांकन में एक जैसे समान अंक दिए जाएँ? या तो सभी स्तरों पर मूल्यांकन नहीं हुआ है या फिर इसमें लापरवाही हुई है। इससे यह साफ प्रतीत हो रहा है इस परीक्षा में धांधली हुई है और इसकी सीबीआई से जाँच कराई जानी चाहिए। ये परीक्षा परिणाम युवाओं के साथ धोखाधड़ी है।