नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने में तीन महीने का समय बचा हुआ है। इससे पहले बीजेपी को नया मुद्दा मिल गया है। पीएससी मुद्दे के बाद बीजेपी ने एसआई परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि घूसखोरी ने काबिल अभ्यर्थियों की सीट पर डाका डाला है। परीक्षाओं में गड़बड़ी करके अभ्यर्थियों के भविष्य से साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
बीजेपी का नया मुद्दा
राजधानी रायपुर में बीजेपी ने एसआई भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों के साथ अंबेडकर चौक में प्रदर्शन किया है। बीजेपी ने पीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर पहले भी सरकार को जमकर घेरा है। अब बीजेपी को व्यापम और सरकार को घेरने का दोबारा मौका मिला है। बीजेपी ने इसे अपना नया मुद्दा बना लिया है। बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने अभ्यर्थियों के साथ एक दिन का उपवास कर विरोध जताया है। एसआई परीक्षा को रद्द कर दोबारा से पारदर्शिता के साथ परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई है।
घूसखोरी ने छीनी सीटें
बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने व्यापम द्वारा आयोजित की गई परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में आए दिन नया घोटाला सामने आ रहा है। पहले पीएससी और अब व्यापम। व्यापम द्वारा आयोजित की गई एसआई की परीक्षा में नियम कायदों को दरकिनार कर दिया गया है। एक तरफ आप बोलते हैं कि भर्ती प्रक्रिया में विसंगति है तो अब तक उसमें स्टे क्यों नहीं दिया गया है? कांग्रेस का मतलब है करप्शन, क्राइम और कब्जा। प्रदेश में कोई विकास नहीं हो रहा है केवल भ्रष्टाचार, गुंडाराज बढ़ रहा है। पाप का घड़ा जल्दी फूटेगा।
क्या मामला है
छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) ने सब इंस्पेक्टर, सूबेदार, प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर (रेडियो), सब इंस्पेक्टर (कंप्यूटर) पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। कुल 971 पदों पर भर्ती के लिए 29 जनवरी 2023 को परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा के लिखित परिणाम जारी किए जा चुके हैं जिसके बाद अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में नियमों का उल्लंघन किया गया है। अभ्यर्थियों ने 120 नामों की दो बार गिनती, 5 गुना से कम अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाने का आरोप लगाया है। गड़बड़ियों को लेकर अभ्यर्थियों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है। अब तक इस संबंध में 110 याचिकाएं दायर की जा चुकी है। अभ्यर्थियों ने याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने और निर्णय लेने की मांग सीजे से की है।