नितिन मिश्रा, RAIPUR. राजधानी में जिला प्रशासन ने पट्टा वितरण करने के लिए सर्वे किया है। जिसमें एक हजार लोगों को अपात्र बना दिया गया है। वहीं केवल 400 लोगों को पट्टा देने के लिए पात्र किया गया है। विधानसभा चुनाव से पहले पात्र– अपात्र का मुद्दा बड़ा चुनावी मुद्दा का रूप ले रहा है। 8 सितंबर को इस मसले को लेकर वार्डवासी पार्षदों के साथ कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च करेंगे।
पट्टा वितरण में हजारों अपात्र
राजधानी रायपुर के जोन–1 के बंजारी माता और यतियतन लाल वार्ड में जिला प्रशासन ने बीते दिनों पत्ता वितरण के लिए सर्वे कराया है। जिसमें भानपुरी क्षेत्र के दोनो वार्ड के एक हजार नागरिकों को अपात्र की श्रेणी में रखा गया है। इस मामले को लेकर वार्ड पार्षद नागभूषण राव के साथ वार्ड वासियों ने एसडीएम से चर्चा की। एसडीएम ने बताया कि तालाब के किनारे रहने वाले नागरिकों को पट्टे की पात्रता नहीं मिलेगी। पार्षद ने वार्डवासियों की बात रखते हुए कहा कि यह नियम पहले ही था तो उस स्थिति में अपात्र लोगों के इलाके को सर्वे में ही शामिल नहीं करना था। अब इनका सर्वे हो चुका है और उन्हें पट्टे का इंतजार है ऐसी स्थिति में कहा जा रहा है कि इसकी पात्रता ही नहीं है।
ये मोहल्ले अपात्र की श्रेणी में
जिला प्रशासन द्वारा किए गए सर्वे अनुसार बंजारी माता वार्ड और यतियतन लाल दोनों ही वार्ड के विजयनगर, सेंधवार पारा, न्यू आनंद नगर, और गंगानगर बस्ती में तालाब के आसपास रहने वाले लोगों को पट्टा नहीं मिल पाएगा। पार्षद का कहना है कि तालाब का रकबा और जमीन सुरक्षित है। तालाब के पार में जो हैं, उन्हें छोड़कर जो तालाब से दूर नीचे की जमीन पर है। उनके मकान को अवैध की श्रेणी में नहीं रखना चाहिए।