नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत दी जाने वाली राशि प्राइवेट स्कूलों को अब तक नहीं मिल सकी है। प्रायवेट स्कूलों की मांग पर दावा पेश करने के लिए दोबारा पोर्टल खोले जाने का निर्णय लिया गया है। निजी स्कूलों की करीब 250 करोड़ से ज्यादा की राशि बकाया है।
फिर से खोला जाएगा पोर्टल
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे को ज्ञापन सौंपकर शुल्क प्रतिपूर्ति की लगभग 250 करोड़ रुपए की लंबित राशि के भुगतान का आग्रह किया था। निजी स्कूलों को आरटीई के तहत अध्ययनरत बच्चों की प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है। कई स्कूलों का दो साल की राशि का भुगतान बकाया है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई पोर्टल को फिर से खोला जा रहा है, जिसमें निजी स्कूल दावा कर सकेंगे। वर्ष 2020-21 के लंबित 2 भुगतान दावा के लिए 21 एवं 22 सितम्बर तथा वर्ष 2021-22 के लंबित त भुगतान के लिए 25 एवं 26 सितम्बर तक पोर्टल को खोला जाएगा।
ये आखिरी मौका
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) अंतर्गत जिन स्कूलों द्वारा विगत वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 का दावा नहीं किया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में समस्त निजी विद्यालयों को सूचित किया है गया है कि वे तय समय में दावा करें। संबंधित निजी विद्यालयों के दावा राशि के सत्यापन उपरांत पात्र स्कूलों के खाते में राशि अन्तरित करने की कार्यवाही की जाएगी। निर्धारित तिथि के बाद किसी भी जिले या निजी स्कूल द्वारा शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति राशि की मांग की जाती है,तो विभाग द्वारा मान्य नहीं किया जाएगा है।