JAIPUR. राजस्थान हाईकोर्ट ने 35 साल बाद उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अपील पर फैसला सुनाया है। 1989 में जब उप राष्ट्रपति वकील थे तब उन्होंने आरोपी के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी की सजा को कम करते हुए उसे भुगती हुई सजा तक सीमित कर दिया हैं।
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क्या था मामला?
जस्टिस महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया है। बता दें कि आरोपी गुरुदयाल सिंह की गिरफ्तारी 43 साल की उम्र में हुई थी। यह घटना 5 मार्च 1988 की है। जब अलवर जिले के किशनगढ़ बास थाने में प्रीतम सिंह ने गुरुदयाल सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। प्रीतम सिंह ने गुरुदयाल पर राजेन्द्र सिंह पर चाकू से वार करके उसे घायल करने का आरोप लगाया था। इस दौरान गुरुदयाल सिंह को 13 मार्च 1988 को गिरफ्तार कर लिया गया था। इलाज के दौरान राजेन्द्र सिंह की मृत्यु होने पर गुरुदयाल सिंह के खिलाफ पुलिस ने हत्या के मामले में चालान पेश किया था। लेकिन कोर्ट ने गुरुदयाल सिंह को 10 मार्च 1989 को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए 4 साल की सजा सुना दी थी। इस दौरान आरोपी करीब 2 माह 19 दिन जेल में रहा था। उसके बाद आरोपी को जमानत मिल गई थी और 1989 में एडीजे किशनगढ़ बास के फैसले के खिलाफ जगदीप धनखड़ ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। जिस पर इतने सालों बाद फैसला सुनाया गया है।
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