JAIPUR. राजस्थान विधानसभा के पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल ने बीजेपी की ओर से दिए गए नोटिस का जवाब नहीं दिया है। मेघवाल ने एक सार्वजनिक सभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को महाभ्रष्ट बताया था। इसे उनकी बगावत के तौर पर देखा जा रहा है।
विधायक कैलाश मेघवाल ने नहीं दिया नोटिस का जवाब
पार्टी ने उनके बयान को अनुशानसंहीनता मानते हुए नोटिस दे कर जवाब मांगा था। इसका जवाब सात सितंबर यानी गुरुवार तक देना था। कैलाश मेघवाल ने साफ कर दिया है कि उन्हें नोटिस 3 सितंबर को मिला है, वो उसका 40 पेज का जवाब तैयार करवा रहे हैं, लेकिन उसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया है कि जो भी जवाब होगा, वो मीडिया के सामने देंगे।
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जवाब का अभी तीन से चार दिन करेंगे इंतजार
कैलाश मेघवाल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं और उनकी इस अदावत को राजे के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। चुनावी साल में कैलाश मेघवाल की ओर अपनाए जा रहे इस तेवर के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बीजेपी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया कि मेघवाल को उनका पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने नोटिस देकर 10 दिनों में जवाब देने को कहा था। अभी तक उनका जवाब नहीं आया है। हो सकता है मिलने में दो तीन दिन लग गए हों, अभी एक बार तीन चार दिन उनके जवाब का इंतजार करेंगे। उसके बाद जो भी नियम है, उसके अनुरूप करवाई की जाएगी। लखावत ने कहा कि मेघवाल का जो भी जवाब आएगा, उसे प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को सौंपा जाएगा। अध्यक्ष और पार्टी के स्तर पर नोटिस का अध्ययन किया जाएगा। अगर पार्टी उनके जवाब से संतुष्ट हुई तो ठीक है, वरना जो कार्रवाई नियमानुसार होनी चाहिए वो की जाएगी।
केन्द्रीय मंत्री मेघवाल को बताया था महाभ्रष्ट
भीलवाड़ा में एक आम सभा के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक कैलाश मेघवाल ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भ्रष्टाचारी बताया था। मेघवाल ने कहा कि वह भ्रष्ट है, उनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखूंगा और उस पत्र में अर्जुन राम मेघवाल को मंत्री पद से हटाने की मांग भी करूंगा।