मालवा-निमाड़ में भारी पड़ते हैं बागी निर्दलीय, बीते चुनाव में 66 में 23 सीटों पर किया था खेल खराब, BJP-कांग्रेस की नजरें इन्हीं पर

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BP Shrivastava
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मालवा-निमाड़ में भारी पड़ते हैं बागी निर्दलीय, बीते चुनाव में 66 में 23 सीटों पर किया था खेल खराब, BJP-कांग्रेस की नजरें इन्हीं पर

संजय गुप्ता, INDORE. विधासनभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं का बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की परंपरा नई नहीं है, लेकिन यह बागी निर्दलीय बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों पर भारी पड़ते हैं। बीते चुनाव 2018 के ही आंकड़े बताते हैं कि यहां 66 में से 23 सीटों पर निर्दलीय ने हजारों वोट काट दिए थे। तीन सीटों पर तो निर्दलीय ही जीते थे, वहीं इसमें से 12 सीट बीजेपी और 8 सीट कांग्रेस को मिली थीं। इस बार भी स्थितियां दोनों ही पार्टियों के लिए चिंताजनक है और कई जगह बागी निर्दलीय खेल बिगाड़ने पर आमादा है। वहीं जयस के निर्दलीय प्रत्याशी भी आदिवासी सीटों पर जोर आजमाईश करा रहे हैं।

बीते चुनाव में इन 23 सीटों पर इस तरह भारी पड़े थे निर्दलीय

  • 1- शाजापुर- यहां से जेपी मंडलोई निर्दलीय लड़े और 37658 वोट (डले वोट के 20.55 फीसदी) काट दिए, कांग्रेस के कराड़ा को जीत मिली
  • 2- खातेगांव- यहां से मोहन पटेल उईके निर्दलीय लड़े और 18915 (11 फीसदी) वोट ले गए, बीजेपी के आशीष शर्मा जीते
  • 3- बागली- इस एसटी सीट पर निर्दलीय टी. सिंह देवड़ा 8172 वोट (4.50 फीसदी) ले गए, बीजेपी के कन्नौजे पहाड़सिंह के पास सीट गई
  • 4- खंडवा- यहां कौशल मेहता निर्दलीय होकर 26314 वोट (15.62 फीसदी) ले गए, सीट बीजेपी के देवेंद्र वर्मा को गई
  • 5- पंधाना- यहां से रूपाली नदूं 25279 ( 13 फीसदी) वोट ले गई, बीजेपी की सीट मिली  (नतीजा निकला इस बार कांग्रेस ने रूपाली को ही यहां से पार्टी का टिकट दे दिया)
  • 6- महेशवर- राजकुमार मेव निर्दलीय लड़े और 46980 वोट (28 फीसदी) वोट ले गए, बीजेपी हार गई और प्रत्याशी दूसरे नंबर पर था। (इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट दे दिया)
  • 7- बड़वानी- राजन मंडलोई ने 48654 वोट (27 फीसदी) काटे, सीट बीजेपी के प्रेम सिंह पटेल को गई
  • 8- जोबट- निर्दलीय विशाल रावत ने 30941 (27 फीसदी) वोट काटेस सीट कांग्रेस की कलावति भूरिया के पास गई
  • 9- झाबुआ- निर्दलीय जेवियर मेडा ने 35462 (20 फीसदी) वोट काटे, सीट बीजेपी के गुमानसिंह डामोर के पास गई
  • 10- थांदला- निर्दलीय दिलीप सिंह ने 25878 (13 फीसदी) वोट काटे, सीट कांग्रेस के वीरसिंह भूरिया के पास गई
  • 11- पेटलवाद- निर्दलीय सचिन गामड़ ने 6471 (3.30 फीसदी) वोट काटे, सीट कांग्रेस के वालसिंह मेडा के पास गई
  • 12- बदनावर- निर्दलीय राजेश अघ्रवाल ने 30780 (19 फीसदी) वोट काटे, सीट कांग्रेस के दत्तीगांव के पास गई
  • 13- महिदपुर- निर्दलीय दिनेश जैन ने 54825 (35 फीसदी) वोट काटे, सीट बीजेपी के बहादुर सिंह को गई
  • 14- उज्जैन नार्थ- माया त्रिवेदी ने 12917 (9 फीसदी) वोट काटे, सीट बीजेपी के पारस जैन को गई
  • 15- उज्जैन साउथ- जय सिंह दरबार ने 19238 (12 फीसदी) वोट काटे, सीट बीजेपी को मोहन यादव को गई।
  • 16- सैलाना- निर्दलीय कमलेशवर डोडियार ने 18643 वोट (11.40 फीसदी) काटे, सीट कांग्रेस के हर्ष गेहलोत के खाते में गई
  • 17- जावरा- निर्दलीय श्याम बिहारी पटेल ने 23469 ( 13.40 फीसदी) वोट काटे, सीट बीजेपी के राजेंद्र भैय्या के पास गई
  • 18- सुवासरा- निर्दलीय ओम सिंह ने दस हजार (5 फीसदी) वोट काटे, सीट कांग्रेस के हरदीप सिंह डंग के पास गई
  • 19- गरोठ- निर्दलीय तूफान सिंह सिसौदिया ने 18065 वोट (10 फीसदी) काटे, सीट बीजेपी के देवीलाल धाकड़ को गई
  • 20- जावद- निर्दलीय समंदर पटेल ने 33548 (24 फीसदी) वोट काटे, सीट बीजेपी के ओमप्रकाश सखलेचा के पास गई।

यह तीन सीट निर्दलीय ले गए

वहीं सुसनेर में विक्रम सिंह राणा, भगवानपुरा में केदार डाबर और बुरहानपुर में सुरेंद्र सिंह शेरा निर्दलीय लड़कर सीट ले गए।

कांग्रेस ने 7 और बीजेपी ने 3 निर्दलीय लड़ने वालों को दिए टिकट

इस 2018 के चुनाव परिणाम का असर रहा है कि कई जगह बीजेपी और कांग्रेस ने निर्दलीय जीतने या अधिक वोट लाने वाले को अधिकृत तौर पर फिर प्रत्याशी बना दिया। इसमें निर्दलीय जीते सुरेंद्र सिंह शेरा बुरहानपुर से तो केदार डाबर भगवानपुरा से कांग्रेस के प्रत्याशी बन गए। वहीं अधिक वोट लाने वाले समंदर पटेल को जावद से, राजन मंडलोई को बड़वानी से, दिनेश जैन को महिदपुर से, माया त्रिवेदी को उज्जैन नार्थ से, रूपाली नंदू बारे को पंधाना से कांग्रेस ने टिकट दे दिया। उधर बीजेपी ने सुसनेर से निर्दलीय जीते विक्रम सिंह राणा को पार्टी से टिकट दिया है, जोबट से निर्दलीय चुनाव लड़े विशाल रावत को टिकट दे दिया (उपचुनाव में उनकी मां सुलोचना रावत बीजेपी से चुनाव जीती थी), इसी तरह महेशवर में राजकुमार मेव को टिकट दिया गया।

इस बार यहां पार्टी से बगावत कर निर्दलीय उतरे बागी

इस 2023 के चुनाव में इस बार धार, महू, आलोट, जावद, बड़नगर, देपालपुर, महिदपुर सहित दर्जन भर सीट है जहां पर बागी हुंकार भर रहे हैं। बाकी जयस और अन्य मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी तो है ही मैदान में।

  • धार- यहां बीजेपी के राजीव यादव तो कांग्रेस के कुलदीप बुंदेला बागी होकर निर्दलीय लड़ रहे हैं, जो बीजेपी के नीना वर्मा और कांग्रेस की प्रभा गौतम का खेल बिगाड़ने के लिए तैयार है।
  • देपालपुर- यहां पर हिंदू संगठन के राजेंद्र चौधरी मैदान में हैं, बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नारा है। यह बीजेपी के मनोज पटेल की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।
  • महू- यहां से कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार बागी है, जो कांग्रेस के पंडित रामकिशोर शुक्ला की मुश्किलें बड़ा रहे हैं।
  • महिदपुर- यहां से बीजेपी के नेता प्रताप सिंह निर्दलीय उतरे हैं।
  • बड़नगर- यहां से कांग्रेस के राजेंद्र सोलंकी निर्दलीय मैदान में है जो टिकट मिलने के बाद फिर कटने से नाराज थे, यहां से मुरली मोरवाल मौजूदा विधायक फिर कांग्रेस से लड़ रहे हैं।
  • आलोट- यहां से कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्डु निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए हैं
  • जावद- यहां बीजेपी के नेता पूरणमल अहीर ने निर्दलीय हुंकार भरी है, बीते चुनाव में कांग्रेस के समंदर पटेल निर्दलीय उतरे थे और 33 हजार वोट काट दिए थे, नतीजतन बीजेपी के सखलेचा जीते थे।
  • सैलाना- यहां फिर से कमलेश डोडियार निर्दलीय उतरे हैं जिन्होंने बीते चुनाव में 18 हजार वोट काट दिए थे।
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