JAIPUR. 4 राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता अब किसी भी वक्त लग सकती है। राजनैतिक दलों के नेता कार्यकर्ता जहां चुनावों के ऐलान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं वहीं नौकरी की आस में भर्ती परीक्षाओं के अभ्यर्थी इस बात को लेकर परेशान हैं कि आचार संहिता लगने के कारण कई भर्तियां भी महीनों के लिए लटक जाएंगी। दरअसल राजस्थान में 65 हजार पदों पर भर्ती के लिए कराई गई 27 भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होंगी।
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कुछ की परीक्षा हो चुकीं, कुछ की होना बाकी
जानकार कहते हैं कि आदर्श आचार संहिता लगते ही इन भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक लग जाएगा। 65 हजार पदों के लिए होने वाली भर्तियों में से 45 हजार पदों के लिए निकली 14 भर्तियों की परीक्षाएं हो चुकी हैं। इनके अलावा 13 भर्तियों की परीक्षाएं अगले साल हो पाएंगी। जिन पदों में नियुक्तियां अटकने वाली हैं उनमें सबसे ज्यादा पद चिकित्सा विभाग की भर्ती के हैं।
एजेंसियों की धीमी गति जिम्मेदार
राजस्थान में शिक्षा विभाग की भी 3 बड़ी भर्तियां जारी हैं, 63 हजार से ज्यादा पदों में से लगभग 10 हजार पदों पर नियुक्ति अटकनी तय है। राज्य में बेरोजगार चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा भर्तियां निकालकर नियुक्ति की मांग कर रहे थे, लेकिन एजेंसियों की कछुआ चाल के कारण यह भर्तियां अब चुनाव बाद ही हो पाएंगी।
इन कारणों से लेट हुई भर्ती प्रक्रिया
बता दें कि आरपीएससी ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती निकाली थी, जिसका पेपर आउट हो गया था। पुनः परीक्षा ली गई, जिसके कारण वरिष्ठ अध्यापक भर्ती के साथ-साथ अन्य भर्तियों पर भी असर पड़ा और प्रक्रिया सुस्त हो गई। राजस्थान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान यानि सीफू 8 भर्तियां करा रहा है। इस भर्ती के अलावा संस्थान ने और कोई परीक्षा नहीं ली, बावजूद इसके प्रक्रिया में देरी हुई। संस्थान की 5 भर्तियां तो बीते साल की हैं। जिन पर अभी तक पद नहीं भरे जा सके। उधर कर्मचारी चयन बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने बीच कार्यकाल में ही पद छोड़ दिया था। नए अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी हुई तो भर्ती परीक्षा भी अधर में लटक गई।