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वेंकटेश कोरी, JABALPUR. बीजेपी के संभागीय कार्यालय में हुए गदर के बाद भले ही पार्टी में सब कुछ शांत नजर आ रहा है, लेकिन असंतुष्ट कार्यकर्ता और उत्तर मध्य क्षेत्र से टिकट की दावेदारी करने वाले नेता अब भी शांत नहीं बैठे हैं। कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं में विरोध की चिंगारी लगातार सुलग रही है। जबलपुर के रानीताल स्थित बीजेपी के संभागीय कार्यालय में जिस तरह से बीजेपी के कार्यकर्ताओं और दावेदारों के समर्थकों ने उपद्रव किया उसके बाद पार्टी बेशक बैक फुट पर है, लेकिन नाराजगी अभी शांत नहीं हुई है और वे अपने-अपने स्तर पर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश के पदाधिकारियों तक गुपचुप तरीके से शिकवा शिकायतें कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दुर्गा पूजा के बाद विरोध की आग और तेज हो सकती है, फिलहाल सभी अपने-अपने संपर्कों के जरिए अपनी नाराजगी का संदेश ऊपर तक भिजवाने में जुटे हुए हैं।
डिजिटल शिकायतों का सिलसिला
बदलते दौर में राजनीति हाईटेक हो गई है और हाईटेक माध्यमों से नेता और पार्टियां अपना प्रचार तो कर ही रही हैं साथ ही शिकवे शिकायतों के लिए भी हाईटेक माध्यमों का सहारा लिया जा रहा है। जबलपुर में भाजपा की सूची जारी होने से मचे जबरदस्त हंगामें के बाद से ही असंतुष्ट गुटों के द्वारा ईमेल, व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए अपनी अपनी शिकायतें ऊपर पहुंचा रहे हैं असंतुष्टों ने अभी भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है उन्हें लगता है कि उनकी शिकायतों पर आलाकमान जरूर गौर करेगा।
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विजयादशमी के बाद बनेगी रणनीति
जबलपुर के उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र से अभिलाष पांडे को प्रत्याशी बनाए जाने से जिस तरह की गदर मची हुई है उसने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश पदाधिकारी को भी हैरत में डाल दिया है। यह पहला मौका है जब उम्मीदवार के चयन से नाराज लोगों ने पार्टी के कार्यालय में घुसकर जबरदस्त तरीके से अपना विरोध जाहिर किया। बताया जा रहा है कि दुर्गा पूजा और विजयदशमी पर्व के बाद आंदोलन को लेकर ठोस रणनीति बनाई जाएगी और सभी असंतुष्ट दावेदार और कार्यकर्ता कोई निर्णायक फैसला लेंगे।
बंद कमरों में गुप्त बैठकें
संभागीय कार्यालय में हुए घटनाक्रम के बाद अब असंतुष्ट दावेदारों और उनके समर्थकों के बीच गुपचुप बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। चर्चा है कि रविवार के दिन पार्टी के एक बड़े नेता के घर तमाम असंतुष्ट नेता और कार्यकर्ता जुटे जिन्होंने विरोध के सभी पहलुओं पर चर्चा की और इस बात को लेकर खुलकर एतराज जताया है कि दशकों तक पार्टी की सेवा करने के बाद भी टिकट की बारी आई तो उन्हें हाशिये पर डाल दिया गया और दूसरे क्षेत्र के नेता को उत्तर मध्य विधानसभा से उम्मीदवार बनाकर भेज दिया।